बेतिया मे छत्रपति शाहूजी महाराज का 150 वि जयंती समारोह मनाया गया।




Meri Pehchan/ Report By अमानुल हक़ 

बेतिया, 26 जून। छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म 26 जून 1874  को होता है, आज उनकी 150 वि जयंती समारोह आरक्षण दिवस के रूप में, पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की जन्म जयंती सप्ताह, समारोह पूर्वक बगीचा बौद्ध विहार, अरेराज रोड पर संपन्न हुआ ,इसकी अध्यक्षता पूर्व पुलिस उपाधीक्षक पंचशील बौद्ध विहार के संरक्षण मान्यवर रामदास बौद्ध ने की , मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नगर आयुक्त लक्ष्मण प्रसाद, बेतिया नगर निगम रहे ,  चंद्रिका राम  , जिला संयोजक भारतीय बौद्ध महासभा तथा सुरेंद्र राम सेक्रेटरी एससी-एसटी एम्पलाइज यूनियन बेतिया रहे ,आयोजन भारतीय बौद्ध महासभा ने, वंचित बहुजन मोर्चा एवं बौद्ध डेवलपमेंट फाउंडेशन के सहयोग से संपूर्ण किया तथा जिले के कोने-कोने से प्रबुद्ध लोगों ने इस कार्यक्रम में भागीदारी की, अध्यक्ष रूप  मे बोलते हुए ,रामदास  द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज द्वारा देश के नवनिर्माण में सारे समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 1902 में भागीदारी का कानून बनाते हुए वंचित वर्ग को हिस्सेदारी सुनिश्चित की तथा  मुख्य अतिथि  के रूप में लक्षमन प्रसाद बोलते हुऐ  वंचित वर्ग की 6743 जातियों को देश के नवनिर्माण में अधिकार देने के लिए भारतीय संविधान सभा में अनुच्छेद 340 का प्रावधान किया इसके तहत सभी वर्गों के लोग देश में निर्माण भागीदारि चंद्रीका  राम एवं सुरेंद्र राम  ने अपने-अपने समाज को मजबूत करने वाली और देश को मजबूत करने वाली दिशा में भारत सरकार के द्वारा संविधान में आर्टिकल 13 से समानता का अधिकार तथा भागीदारी संबंध में आरक्षण देकर राजनीतिक आरक्षण के रूप में 131 लोकसभा सीटों को सुनिश्चित करना वंचित समाज के सम्मान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
          भारतीय बौद्ध महासभा के मुख्य संरक्षण मिसाइल  इंजीनियर विजय कश्यप 1917 में भास्कर राव जाधव एवं बाबासाहेब अंबेडकर के द्वारा प्रयास का फल विधि मंडल के गठन में सब समाज के भागीदारी तथा वंचित समाज के हिस्सेदारी को लेकर साउथ बोरो कमिशन का आना तथा 1928 में साइमन कमीशन का दोबारा आना तथा 1930 ,31 ,32 ,में गोलमेज सम्मेलन आयोजित होना तथा तथा संविधान समिति द्वारा समाज के हित में 340 341 342 अनुच्छेद के द्वारा पिछड़े एवं अनुसूचित जाति जनजाति को सामाजिक ताकत प्रदान करना यह निश्चित ही देश के नवनिर्माण में पूरे समाज की भागीदारी लेने की नीयत से किया गया यह सही मायने में प्रतिनिधित्व का कानून है भागीदारी के कानून है ,इसको संविधान में फंडामेंटल राइट्स के रूप में सम्मान दिया है। राजनीतिक क्षेत्र में 131 लोकसभा की सिटें , सुरक्षित होना यह समाज को राजनीतिक सम्मान और उसकी भागीदारी देना बाबा साहब के द्वारा पेश किए गए उदाहरण को आगे बढ़ने का प्रयास ही तो है ।कार्यक्रम के अंत में, धन्यवाद करते हुए रविंद्र सिंह ने सामाजिक आंदोलन में हम सब की भागीदारी सुनिश्चित हो एवं आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक क्षमता भी हो एवं सब लोग मिलकर देश की चिंता करें एवं संविधान को मजबूत करना और संविधान को सुरक्षित रखने में सब की भागीदारी हो ऐसा आह्वान किया, प्रेस के बांधूओ का बहुत अच्छे भागीदारी देखते हुए उनके प्रति अपनी कृतज्ञता की अगले वर्ष के कार्यक्रम बहुत अच्छे बड़े पैमाने पर होंगे इसका भी  भारतीय बौद्ध महासभा एवं बुद्ध डेवलपमेंट फाऊंडेशन ने संयुक्त रूप से की ।प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ कार्यक्रम में भागीदारी करने वालों में प्रसिद्ध समाज सेवी ,कन्हैया प्रसाद कुशवाहा ,हीरालाल, रामकिशोर बैथा छावनी ,नेता राम इंस्पेक्टर , अध्यापक सकलदेव राम,जयप्रकाश राम,हीराराम, प्रसिद्ध योगी शशि कुशवाहा सहित अन्य प्रबुद्ध लोगों की भागीदारी रही।।

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