हरियाणा में मारा गया कुख्यात अपराधी सरोज राय, बिहार एसटीएफ और हरियाणा पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन

 

Meri Pehchan Report By Correspondent 

सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले के कुख्यात अपराधी और बिहार सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (BSRA) के सरगना सरोज राय को शुक्रवार की सुबह हरियाणा के मानेसर में बिहार एसटीएफ और हरियाणा पुलिस के एक संयुक्त ऑपरेशन में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सरोज राय को कई संगीन अपराधों में शामिल होने के कारण टारगेट किया गया था। बिहार पुलिस ने उस पर 2 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था।अपराधी का इतिहास सरो

ज राय की गिरफ्तारी या उसे खत्म करने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। वह बिहार के एक कुख्यात अपराधी था और बिहार सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (BSRA) का प्रमुख था, जो कई हिंसक वारदातों में शामिल रहा है। राय का नाम सीतामढ़ी जिले के इतिहास में बड़े अपराधों से जुड़ा हुआ है, जिसमें हत्या, लूट, रंगदारी, और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज मामले शामिल हैं। उसके खिलाफ बिहार में 30 से अधिक गंभीर अपराधों के मामले दर्ज थे।सीतामढ़ी के महिदवारा इलाके में सड़क निर्माण एजेंसी के मुंशी विनोद राय की हत्या का आरोप भी सरोज राय पर था। वह अक्सर अपने साथ एके-56 जैसी घातक रायफलों और कार्बाइन जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करता था, जिससे उसकी क्रूरता और उसके खतरनाक इरादों का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस तरह के अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा कई बार प्रयास किए गए, लेकिन वह भागने में सफल रहता था।सरोज राय का रंगदारी का मामला हाल ही में, सरोज राय ने बिहार में एक और विवाद को जन्म दिया था। उसने जदयू के विधायक पंकज मिश्रा से रंगदारी की मांग की थी, जिससे पुलिस प्रशासन और स्थानीय नेताओं के बीच हड़कंप मच गया था। विधायक पंकज मिश्रा के ऊपर दबाव डालने के लिए सरोज राय ने हिंसक तरीकों का सहारा लिया, जिससे उसके अपराधी स्वभाव की और पुष्टि हुई। यह घटना बिहार पुलिस के लिए एक चेतावनी थी कि इस अपराधी को किसी भी हालत में पकड़ने की जरूरत है, और इस तरह की कार्रवाई में वह और अधिक खतरनाक हो सकता था।संयुक्त ऑपरेशन और मुठभेड़ हरियाणा पुलिस और बिहार एसटीएफ के बीच एक संयुक्त ऑपरेशन चल रहा था, जिसका उद्देश्य सरोज राय को पकड़ना था। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार की सुबह मानेसर में एक खुफिया सूचना के आधार पर दोनों पुलिस बलों ने मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के दौरान सरोज राय ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। पुलिस की ओर से आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की गई, और इस दौरान सरोज राय को गोली लग गई। गंभीर रूप से घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।पुलिस की भूमिका और मुठभेड़ का परिणाम सीतामढ़ी के एसपी मनोज कुमार तिवारी ने इस मुठभेड़ और सरोज राय की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक बड़ी सफलता है। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन दो महीने पहले शुरू हुआ था, और इसके दौरान पुलिस को कई अहम सुराग मिले थे, जो इस मुठभेड़ तक पहुंचे। सरोज राय की मौत को लेकर पुलिस ने यह भी कहा कि वह एक बड़ा खतरा बन चुका था, और उसकी पकड़ से अब बिहार पुलिस को राहत मिली है।पुलिस के लिए यह जीत क्यों महत्वपूर्ण थी यह मुठभेड़ बिहार पुलिस और हरियाणा पुलिस दोनों के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि सरोज राय एक लंबे समय से फरार चल रहा था और पुलिस के लिए उसे पकड़ना चुनौतीपूर्ण था। इस मुठभेड़ के बाद बिहार के विभिन्न हिस्सों में अपराधी सरगनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया गया है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम हो सकेगी। सरोज राय की गिरफ्तारी और मुठभेड़ से यह भी साबित होता है कि बिहार पुलिस अब तकनीकी और खुफिया जानकारी के जरिए अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम हो गई है। सरोज राय की मौत ने बिहार और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई की सफलता को प्रदर्शित किया है। यह मुठभेड़ केवल पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी नहीं, बल्कि अपराधियों के लिए भी चेतावनी है कि वे कितने भी बड़े और खतरनाक क्यों न हों, कानून की पकड़ से बच नहीं सकते। इस घटनाक्रम ने यह भी साबित किया कि पुलिस प्रशासन ने अपराधियों को हर हाल में सजा दिलाने के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।

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