Meri Pehchan Report By अमानुल हक़
बेतिया, 04 मई। वीटीआर की जैव विविधता एवं बेहतर जलवायु बाघों के साथ अब परिदों को भी रास आने लगी है। खास बात यह है कि यहां दस से अधिक वैश्विक स्तर के पक्षियों की मौजूदगी भी देखी जा रही है।
लगभग 900 वर्ग किलोमीटर में फैले वीटीआर में वन्यजीवों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। यहां 54 से अधिक बाघ मौजूद हैं। पक्षियों के इस अनोखे संसार में अब वैश्विक स्तर के दुर्लभ पक्षियों ने भी अपनी आमद दर्ज कराई है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ(लैंडस्केप समन्वयक) डॉ. प्रकाश मर्दराज के मुताबिक देसी-विदेशी पक्षियों में पीट हैमिल, व्हाइट आई पोचार्ड, करलु सैंडपाइपर, नार्दर्न शोमलर, रिवर लेफ्टविंग, व्हिम्ब्रल, रोडिक, सैलडैक, लेसर, व्हिसलिंग डक समेत तीन सौ प्रजाति के पक्षी वीटीआर में मिले हैं। इसके अलावा सात समुंदर पार से भी सायबेरियन पक्षी भी बड़ी संख्या में यहां आते है और चार माह से प्रवास के बाद अपने देश लौट जाते हैं।
जैव विविधता व बेहतर जलवायु के कारण वन्यजीवों के साथ पक्षियों की तादाद भी बढ़ रही है। कई ऐसे ऐसे पक्षी दिख रहे हैं जो विलुप्तप्राय की श्रेणी में माने जाते हैं।
सिनेरियस गिद्ध
जिसे यूरेशियन ब्लैक वल्चर के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया के सबसे भारी और सबसे बड़े शिकारी पक्षियों में से एक है, जिसके पंखों का फैलाव लगभग 3 मीटर तक होता है।
कभी-कभार ही इस प्रजाति के गिद्धों को देखा जाता है।
यह गिद्ध आईयूसीएन कैटेगरी में शामिल है।
नाइट हेरोन पक्षी (रात्रि बगुला)
नाइट हेरोन पक्षी को सफेद कान वाला रात्रि बगुला (व्हाइट इयर नाइट हेरोन) नाम से बुलाया जाता है। वर्ष 2000 में इसे लुप्तप्राय पक्षियों की क्षेणी मे शामिल किया गया था।
इसका वैज्ञानिक नाम ओरोनासा मैग्रिफिका है। इसे मायावी पक्षी भी कहते हैं। दिन में यह पक्षी सोता है और रात में छिपकर शिकार करता है। यह आर्डेंडे परिवार के बगुले की प्रजाति है।
पैराडाइज फ्लाईकैचर (स्वर्ग की पक्षी)
वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के घने जंगलों में एक ऐसी पक्षी भी पाई जाती है, जिसे स्वर्ग की चिड़िया कहा जाता है।
कमाल की खूबसूरती और शिकार करने के अनोखे तरीके की वजह से इस पक्षी को ‘पैराडाइज फ्लाई कैचर’ के नाम से जाना जाता है। पैराडाइज फ्लाई कैचर का वैज्ञानिक नाम ‘टेरेप्सीफोन पैराडाइज’ है।
अमूर फाल्कन
यह पक्षी बाज परिवार का छोटा शिकारी पक्षी हैं। इन्हें फाल्कों एम्युरेंसिस कहा जाता है।
ब्लैक बाजा पक्षी
(एविसेडा ल्यूफोटेस ) पूर्वोत्तर भारत , पूर्वी हिमालय , चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के जंगलों में पाया जाने वाला एक छोटा शिकारी पक्षी है।
दुर्लभ लेसर एडजूटेंट पक्षी:
यह सारस फैमिली सिकोनीडे का एक बड़ा जलपक्षी है। स्थानीय लोग इसे छोटा गरूड़ के नाम से जानते हैं। अंतर्राष्ट्रीय संघ आईयूसीएन की रेड लिस्ट में " निकट संकटग्रस्त" श्रेणी में इसे रखा गया है।इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि
वीटीआर में पक्षियों के संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि उनके प्राकृतिक आवासों की रक्षा और अवैध शिकार को रोकना।
कुल मिलाकर वीटीआर पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण और विविध क्षेत्र है, जो अपने अद्वितीय पक्षी विविधता के लिए जाना जाता है।
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