लखनऊ। उत्तर प्रदेश पशुधन विभाग में ठेका दिलाने के नाम पर जालसाजी के आरोपी आईपीएस अरविंद सेन की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है । इस मामले में वह फरार चल रहे हैं। पुलिस ने उन पर 50000 रुपये का इनाम भी घोषित किया है। हजरतगंज थाने में दर्ज पशुधन विभाग में करोड़ों रुपए के ठेके दिलाने के नाम पर ठगी के मुकदमे में आईपीएस अरविंद सेन यादव आरोपी हैं। इस मामले में उनको निलंबित किया जा चुका है। गिरफ्तारी के डर से अरविंद सेन काफी दिनों से फरार चल रहे हैं। पुलिस ने लखनऊ और उनके पैतृक आवास अयोध्या में डुगडुगी पिटवा कर उन्हें फरार घोषित कर दिया है। गिरफ्तारी के डर से उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया।
पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने के आरोप हैं। भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने कहा था कि सेन लगातार फरार चल रहे हैं और पुलिस की पकड़ से दूर हैं, लिहाजा उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए। इससे पहले अरविंद सेन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग वाली अर्जी दी गई थी। विवेचक श्वेता श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा था कि इंदौर के व्यापारी और वादी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने 13 जून को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन मंत्री के करीबी और उपनिदेशक पशुपालन एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं, आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं।
आरोपियों ने वादी से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये लेकर कथित मित्तल से मुलाकात कराई और टेंडर मिलने की सूचना दी, लेकिन ऑनलाइन टेंडर में उसका नाम नहीं था। कोर्ट को बताया गया कि विवेचक ने मुख्य आरोपी आशीष राय से पूछताछ की तो उसने बताया कि जब अरविंद सेन आजमगढ़ में एसपी थे, उसकी तबसे जान-पहचान है। वादी मंजीत भाटिया जब उस पर दबाव बनाने लगा तो आशीष ने अरविंद सेन से मुलाकात की। सेन ने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन डील 35 लाख में तय हुई, इसमें 5 लाख रुपये अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया था।
*भगोड़े अरविंद सेन का आत्मसमर्पण 27 को*
पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर हुए घोटाले में कोर्ट से भगोड़ा घोषित सीबीसीआईडी का तत्कालीन एसपी और वर्तमान डीआईजी अरविंद सेन 27 जनवरी को कोर्ट में आत्मसमर्पण करेगा। इसपर भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने 27 जनवरी की तारीख तय की है। सोमवार को सेन की ओर से अर्जी देकर बताया गया कि आरोपी बीमार है लिहाजा कोर्ट में समर्पण नहीं कर सकता। उधर, हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अरविंद सेन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। 20 जनवरी को सुनवाई के बाद सुरक्षित रखे गए आदेश को न्यायमूर्ति आलोक माथुर की कोर्ट ने सोमवार को सुनाया।
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