बिहार के रीगा चीनी मिल ने रेल मंत्रालय को डोनेट किया विश्व की धरोहर लोकोमोटिव स्टीम रेल इंजन ।

 





 पटना। बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिला स्थित रीगा चीनी मिल के मुख्य महा निदेशक ओमप्रकाश धानुका के द्वारा भारत सरकार के रेल मंत्रालय को कोलकाता में विधिवत डोनेट किया गया था विश्व की धरोहर लोकोमोटिव स्टीम रेल इंजन ।उक्त मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल व अन्य कई स्थानीय हस्ती भी मौजूद थे ।

श्री धानुका के द्वारा कोलकाता के ताज बंगाल में एक समारोह के दौरान भारत सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष विश्व की धरोहर लोकोमोटिव स्टीम रेल इंजन को डोनेट करने का उद्घोषणा किया गया था उसे अब विधिवत पूरा कर दिया गया है । 


सन् 1930 ईo मे हॉड्सवेल क्लार्क ने इंग्लैंड मे तीन लोकोमोटिव इंजन का निर्माण किया था। जिसमे से दो लोकोमोटिव इंजन अब इस समय नही है। एक लोकोमोटिव स्टीम इंजन रीगा सुगर कंपनी में 1933 ईo से 2010 ईo तक गन्ना ढुलाई के कार्य मे सेवा दे रही थी । 2010 ईo में सीतामढ़ी नरकटियागंज रेलखंड पर बड़ी लाइन के निर्माण के बाद रीगा चीनी मिल के परिसर में प्रदर्शनी के तौर पर रखा गया था। जिसको सीएमडी ओमप्रकाश धानुका के द्वारा रेल मंत्रालय को डोनेट करने के बाद 10 फरवरी 2021 को दिल्ली के शकूरपुर बस्ती स्थित संग्रहालय के द्वारा हरियाणा के रेबारी स्टीम सेन्टर भेजा गया है।


यह अब देश मे एक धरोहर के रूप में स्थापित हो गया है ।

सीतामढ़ी जिले के निवासियो व रीगा चीनी मिल का नाम इस धरोहर के साथ हमेशा जुड़ा रहेगा,जो गर्व की बात है ।


 उलेखनीय है कि देश को ऐसा धरोहर डोनेट करने वाले रीगा चीनी मिल  खुद बदहाली के कागार पर है। किसान परेशान है, इस  एतिहासिक मिल को पुनः जीवंत करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठा कर नेयापन लाना चाहिये। 

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