प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय सम्मेलन बेतियामें सम्पन्न। CG CG





बेतिया। कोविड - 19 के वजह से पिछले एक वर्ष से सभी निजी विद्यालय बंद थे। इसमें सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान निजी विद्यालयों को हुआ है। जबकि
सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी गई है। आरटीई का पैसा
जल्द भुगतान हो। उक्त बातें प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने रविवार को एक निजी
विवाह भवन में आयोजन सम्मेलन में कही। एसोसिएशन का 10 वां जिला सम्मेलन
आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किसी भी
प्रकार का अनुदान कोरोना काल में नहीं दिया गया। जबकि मनरेगा मजदूर को भी
कोरोना काल में कुछ मिला था। विशिष्ट अतिथि रहे चनपटिया विधायक उमाकांत
सिंह ने कहा कि निजी विद्यालयों द्वारा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
दी जाती है। समाज के विकास में निजी विद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान है।
वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार विमल ने कहा कि शिक्षा से ही
मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास होता है। किसी भी व्यक्ति के निर्माण में
उसके स्कूली शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। उन्होंने निजी
विद्यालयों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की बाात कही। जदयू के
वरीय नेता डॉ एनएन शाही ने कहा कि निजी विद्यालयों के पढ़कर कई छात्र देश
के ऊचे पदों पर विराजमान हुए हैं। निजी विद्यालय शिक्षा के साथ सेवा भी
प्रदान कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष नुरैन
खान ने कहा कि कोरोना काल में हजारों शिक्षक बेरोजगार हो गए। लेकिन सरकार
उनकी सुध नहीं ले रही है। विद्यालय चलाना मुश्किल है। कार्यक्रम में
धन्यवाद ज्ञापन एसोसिएशन के जिला सचिव अब्दुल्ला सरहदी ने किया। मौके पर
फादर फ्रांसिस, संजय कुमार एवं जिले के सभी प्रखंडों से निजी विद्यालयों
के निर्देशक व टीचर शामिल रहे।


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