पटना, 24 अप्रैल। बिहार राज्य मे कोविड -19 के कहर से बिहार में त्राहिमाम के बाद बिहार सरकार कुआं खोदने बैठी है। बिहार के सी एम नीतीश कुमार ने सूबे में भारी तादाद में खाली पड़े डॉक्टरों औऱ पारा मेडिकल कर्मचारियों के पदों को भरने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमत्री के निर्देश के बाद बिहार के अधिकारियों ने खाली पदों को भरने के लिए बैठक किया है.
डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए बैठक
पटना सी एम कार्यालय की ओर से आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी गयी है कि नीतीश कुमार ने अधिकारियों को ये कहा है वे वाक इन इंटरव्यू प्रक्रिया के जरिये हर जिले में जरूरत के मुताबिक डॉक्टरों औऱ पारा मेडिकल स्टाफ की अस्थायी नियुक्ति करें. इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों के खाली पदों पर नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शनिवार को ही अधिकारियों ने हाईलेवल बैठक की है. सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारी मौजूद थे. बैठक में ये तय किया गया कि तेजी से बिहार के अस्पतालों में खाली पड़े पदों पर नियुक्ति की जायेगी.
बिहार में स्वास्थ्यकर्मियों के 75 फीसदी पद खाली
गौरतलब है कि बिहार में डॉक्टरों से लेकर स्वास्थ्यकर्मियों के 75 फीसदी पद खाली पड़े हैं. राज्य सरकार ने पिछले साल विधानसभा में ये जानकारी दी थी कि बिहार में डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पद 10609 हैं. जिसमें से 6437 पद रिक्त हैं. यानि बिहार में डॉक्टरों के करीब 61 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं. सिर्फ डॉक्टर के ही नहीं बिहार में पारा मेडिकल स्टाफ़ और नर्सों की भी भारी कमी है. सूबे में स्टाफ़ नर्स ग्रेड के कुल 14198 स्वीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 5068 नर्सें काम रही हैं. उधर, एनएनएम नर्स के भी 10 हज़ार से अधिक पोस्ट ख़ाली हैं. बिहार की ये हालत कई सालों से है।।
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