बिहार में पंचायतों के कार्यकाल को 6 महीना के लिए बढ़ाने की मांग को लेकर भाकपा माले विधायक ने किया प्रदर्शन

 


बेतिया, 30 मई। पंचायतों के कार्यकाल के समाप्त होने का बहाना बनाकर नीतीश सरकार पंचायतों के अधिकार नौकरशाही के हवाले करने पर तुली हुई है। बिहार सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गलत व अलोकतांत्रिक है, भाकपा माले सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बेतिया बगही में विरोध प्रदर्शन के बाद जनता को संबोधित करते हुए कहीं, आगे उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को और बढ़ाई जाना चाहिए क्योंकि पंचायतों के जनप्रतिनिधि जनता से सीधे तौर पर जुड़े होते हैं। इसलिए महामारी से मुकाबला के कार्य में जनता को संगठित और जागरुक करने में उनकी अहम भूमिका है। कोविड से निपटने की योजना को गांव–गांव और घर–घर तक पहुंचाने में भी उनकी बड़ी भूमिका है। जरूरत तो इस चीज की है कि कोविड से मुकाबला में उनकी भूमिका बढ़ाई जाए। लेकिन इसके नीतीश सरकार उलट, पंचायतों के कार्यकाल के समाप्त होने का बहाना बनाकर सरकार पंचायतों के अधिकार नौकरशाही के हवाले करने पर तुली हुई है। सरकार का यह फैसला पूरी तरह से गलत व अलोकतांत्रिक है। इससे महामारी से निपटने की एक संपूर्ण लोकतान्त्रिक व्यवस्था ही खत्म हो जाएगी। महामारी के काल में यह एक बहुत बड़ी गलती होगी।


उन्होंने मांग करते हुए कहा कि पंचायतों का चुनाव स्थगित किया जाए और उसका कार्यकाल आगामी 6 माह के लिए बढ़ा दिया जाए। अगर इसमें कोई वैधानिक बाध्यता हो तो उसके लिए उचित कदम उठाया जाए। अतीत में भी कतिपय कारणों से लंबी अवधि तक पंचायतें कार्यरत रही हैं। इस मौके पर भाकपा माले नेता हारून गद्दी, जोखू चौधरी, विनोद कुशवाहा, संजय प्रसाद, 

 मुजम्मिल हुसैन, राजेंद्र प्रसाद, जनक शाह, खखन साह, मोबारक मियां, मेघु चौधरी, सुखट  चौधरी मारूफ गद्दी, जोगिंदर चौधरी



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