कार्यों का बहिष्कार करने वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश।

 



बेतिया, 13 मई।   राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में कार्यरत  संविदा कर्मियों द्वारा कतिपय मांगों को लेकर कार्यों का बहिष्कार करते हुए  12 मई से होम आइसोलेशन में चले गए हैं। 


कोविड-19 से उत्पन्न विषम परिस्थिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मियों द्वारा अनाधिकृत रूप से होम आइसोलेशन में जाने के कारण आमजनों के कोविड जाँच,  कोविड संक्रमित व्यक्तियों के चिकित्सा प्रबंधन एवंकोविड टीकाकरण कार्य प्रभावित हो रहा है। यही नहीं ऐसे संविदा कर्मियों द्वारा अन्य कर्मियों को कार्य करने से रोका जा रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान भी उत्पन्न किया जा रहा है।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत संविदा कर्मियों द्वारा किये गए इस कृत्य को स्वास्थ्य विभाग, बिहार द्वारा अत्यंत ही गंभीरता से लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे कर्मियों  के के विरुद्ध स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज करते हुए इन्हें संविदामुक्त करने की कार्रवाई अविलंब सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। 


स्वास्थ्य विभाग, बिहार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में जिलाअधिकारी,  कुंदन कुमार द्वारा सिविल सर्जन, पश्चिम चंपारण को निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत ऐसे संविदा कर्मियों  को चिन्हित किया जाए जो कार्यों का बहिष्कार कर होम आइसोलेशन में चले गए हैं तथा अन्य दूसरे कर्मियों को कार्य करने से रोक रहे हैं।  जिलाधिकारी ने कहा है कि ऐसे कर्मियों के विरुद्ध विभागीय निदेशानुसार सख्त कार्रवाई की जाए।  


सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि उक्त कर्मियों के कार्य बहिष्कार से आज चनपटिया, नरकटियागंज, बैरिया आदि जगहों पर वैक्सीनेशन कार्य प्रभावित हुआ है। साथ ही अन्य कार्य भी प्रभावित हुआ है।


जिलाधिकारी ने कहा कि जिन कर्मियों द्वारा कार्यों का बहिष्कार किया जा रहा है दूसरे कर्मियों को कार्य से रोका जा रहा है अथवा कार्य बहिष्कार के लिए प्रेरित किया जा रहा है तथा जिला स्वास्थ्य समिति प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के सुगम संचालन में बाधा पहुंचाई जा रही है, वैसे कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध बिहार एपिडेमिक डिजीज कोविड-19 रेगुलेशन में निहित प्रावधानों एवं भारतीय दंड संहिता के सुसंगत धाराओं के तहत स्थानीय थाने में अविलंब प्राथमिकी दर्ज की जाए तथा सरकार के निर्देश का उल्लंघन करने के आरोप में उन्हें संविदा मुक्त करने की कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाए।

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