पश्चिम चंपारण मे युद्धस्तर पर कराएं कटाव निरोधी कार्य: जिलाधिकारी।






बेतिया,03 जून।  जिलाधिकारी  कुंदन कुमार की अध्यक्षता में आज संभावित बाढ़, कटाव से निपटने हेतु की जा रही तैयारियों की गहन समीक्षा कार्यालय प्रकोष्ठ में की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी तैयारियां ससमय कर ली जाय ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटा जा सके। साथ ही जिलान्तर्गत जिन स्थलों पर कटाव हो रहा है, वहां कटाव निरोधी कार्य युद्धस्तर पर कराना सुनिश्चित किया जाय।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य है, बिना किसी लापरवाही एवं कोताही के त्वरित गति से इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय। कटाव निरोधी कार्य एवं फ्लड फाइटिंग वर्क में गुणवता के साथ कोई समझौता नहीं किया जायेगा। हर हाल में मानक के अनुरूप कार्य होना चाहिए। कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि जहां बाढ़ एवं कटाव की संभावना है वहां फ्लड प्रोटक्शन मेटेरियल का पर्याप्त स्टाॅक विकेन्द्रीयकृत तरीके से रखें ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने निदेश दिया कि प्रोटक्शन कार्य में प्रयुक्त होने वाले वाहन में अच्छी क्वालिटी की लाइट, जेनरेटर, लेबर, फ्लड फाइटिंग मेटेरियल, माईक आदि की समुचित व्यवस्था कर ली जाय ताकि रात्रि के समय में त्वरित कार्रवाई कर बचाव कार्य किया जा सके।

जिलाधिकारी ने कहा कि गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से कितना क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इस पर लगातार निगाह बनाये रखना है। साथ ही नेपाल में हुई बारिश तथा  नारायणी नदी में कितना पानी डिस्चार्ज हो रहा है, पर पैनी निगाह बनाये रखना है। उन्होंने कहा कि सामान्य से ज्यादा पानी डिस्चार्ज के वक्त आसपास के लोगों को माईकिंग तथा अन्य माध्यमों से सचेत करना होगा तथा उन्हें सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाना होगा। इस हेतु सभी तैयारियां अपडेट रखी जाय। 

जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे समय में नदियों में छोटी अथवा खतरनाक नाव का परिचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया जाय। किसी भी परिस्थिति में ऐसी नाव का परिचालन नहीं होने पाएं, इसका विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि नदी की धारा में प्रवाहित होकर बहुत सारी लकड़ियां किनारे पर आ जाती है, जिसे आसपास के लोगों, बच्चों द्वारा छोटे नावों के माध्यम से इकट्ठा करने की कोशिश की जाती है, यह बेहद ही खतरनाक है। इस पर पूर्णतः अंकुश लगायी जाय।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सभी कटाव निरोधी कार्य एवं फ्लड फाइटिंग वर्क सहित अन्य कार्यों में कोविड-19 प्रोटोकाॅल का अनिवार्य रूप से अनुपालन कराना सुनिश्चित किया जाय ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव हो सके। सभी कार्यस्थलों पर मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग बेहद ही जरूरी है।  


उन्होंने कहा कि तटबंधों की निगरानी हेतु होमगार्ड एवं पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति करनी है। साथ ही मजिस्ट्रेट की भी प्रतिनियुक्ति की जानी है। इस कार्य को सभी अंचलाधिकारी ससमय कर लेंगे। साथ ही कटाव निरोधी कार्य अथवा फ्लड फाइटिंग वर्क का भी लगातार निरीक्षण करेंगे।  

जिलाधिकारी ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी स्वयं कार्यपालक अभियंताओं एवं अंचलाधिकारियों के साथ उनके क्षेत्र के सभी तटबंधों का निरीक्षण करेंगे तथा ससमय मरम्मति का कार्य पूर्ण कराने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि बाढ़ पूर्व छोटी-सी-छोटी तैयारियों को ससमय पूरा करने के लिए एक चेक लिस्ट बनाकर तैयारी करें, ताकि कोई चीज छुट ना जाए। बाढ़ के समय छोटी-छोटी तैयारियों के अभाव के कारण की गम्भीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। 

उन्होंने कहा कि नाव एवं नाविकों की सूची अभी तैयार कर लें। नाविकों के संपर्क नम्बर का सत्यापन कर लें। नाव का एकरारनामा और निबंधन अभी करा लें। गोताखोर, महाजाल, पॉलीथिन सीट्स, हैलोजन लाइट युक्त वाहन, मोटरबोट, आश्रय स्थल, राहत सामग्री आदि की व्यवस्था अपडेट कर की जाय।

समीक्षा के क्रम में अनुमंडलवार, कार्य प्रमंडलवार कराये जा रहे कटाव निरोधी कार्यों सहित फ्लड फाइटिंग वर्क की गहन समीक्षा की गयी। जिसमें सामुदायिक रसोई के संचालन, शरण स्थल, वर्षा मापक यंत्र, पशु चारा, राहत सामग्री, आवश्यक दवाईयां आदि की समीक्षा शामिल है। 

अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि जिन स्थलों पर कटाव निरोधी कार्य किया जा रहा है तथा जहां कटाव हो रहा है वहां का वे स्वयं निरीक्षण संबंधित अधिकारियों एवं कार्यपालक अभियंताओं के साथ किये हैं। कराये जा रहे कटाव निरोधी कार्य संतोषजनक है। तथा जिन स्थलों पर कटाव निरोधी कार्य किया जाना है, की लिस्टिंग कर ली गयी है, शीघ्र ही कार्रवाई की जायेगी।


समीक्षा के क्रम में कार्यपालक अभियंताओं द्वारा बताया गया कि माधोपुर बैरिया, मरजदी, बिरंची, हरदी, मोरवा टोला, रैवारी मुस्लिम टोला, मनचंगवा, कनफुसरी, मंझरिया, पोखरिया, आसाराम, मंगलपुर, शिवराजपुर, शेरहवा, फैरी, बेतिया, शिवराजपुर सहित अन्य कटाव वाले स्थलों पर बालू का भंडारण किया जा रहा है, शीघ्र ही कटाव निरोधी कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा। 

कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-2, पडरौना द्वारा बताया गया कि टीआरएल-04 के 0.00 किमी से 6.20 किमी के बीच तथा पीपी तटबंध के 21.00 कमी से 28.00 किमी तक के बीच कटाव निरोधक कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसी तरह अन्य कार्यपालक अभियंताओं द्वारा बारी-बारी से पूर्ण कर लिये गये कार्यों से संबंधित जानकारी जिलाधिकारी को बतायी गयी।

अनुमंडल पदाधिकारी, नरकटियागंज द्वारा बताया गया कि भिखनाठोरी में निरीक्षण किया गया है। उक्त स्थल पर पिछले वर्ष प्रोटक्शन कार्य किया गया था, जिसे इस वर्ष भी मरम्मति किया जाना आवश्यक है ताकि किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाए। उन्होंने बताया कि हरबोरा नदी से पिपरा गांव, माधोपुर बैरिया, दोहरम नदी से बिरंची गांव, इनरवा, गदियानी टोला, वैशखवा, धनकुटवा, मसवास, सूर्यपुर आदि पंचायतों में भी फ्लड प्रोटक्शन कार्य कराना जरूरी है। 

जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यपालक अभियंताओं को निदेशित किया गया कि अविलंब उक्त स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे और कटाव निरोधी कार्य कराना सुनिश्चित करेंगे। अपर समाहर्ता, पश्चिम चम्पारण एवं प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा कोषांग को नरकटियागंज अनुमंडल अंतर्गत हो रहे कटावों का स्थलीय निरीक्षण करने अग्रतर कार्रवाई अविलंब सुनश्चित कराने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि सामान्यतः रात के प्रहर में गांव में पानी का प्रवेश अधिकतर देखने को मिला है। इसलिए सभी को 24×07 के तर्ज पर तैयारियां करनी होगी। जहां भी आपदा राहत केन्द्र स्थल का चुनाव किया गया है, वहां सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो इसे सुनिश्चित किया जाए। बाढ़ सामग्रियों की आपूर्ति हेतु अभी ही संबंधित वेंडर/आपूर्तिकर्ता से एकरारनामा करा लें, ताकि जैसे ही आवश्यकता पड़े आपूर्ति की जा सके। आपदा राहत केन्द्रों के लिए बड़े-बड़े फ्लेक्स बनवा कर रख लें, ताकि इसका समय पर उपयोग हो सके। एक वाहन का चुनाव कर लें, जिस पर जेनरेटर एवं तीव्र प्रकाश की व्यवस्था हो। गोताखोर/महाजाल को भी अभी चिन्हित कर लें, उनकी लिस्टिंग कर लें। 

इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, श्री एस. सेधु माधवन, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा कोषांग, श्री अनिल राय उपस्थित रहे तथा सभी एसडीएम, अंचलाधिकारी, कार्यपालक अभियंता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।

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