बेतिया, 20 अक्तूबर। पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग की लापरवाही इस कदर है कि बिगत 5 बर्षो से शिक्षक नियोजन की काउंसलिंग अधर लटका हुआ है। ज्ञातव्य हो कि इस संबंध में उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश भी निर्गत है। इसके बावजूद जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना एवं संबंधित अधिकारियों के द्वारा व्यक्तिगत लाभों के कारण काउंसलिंग ऊपरांत नियोजन प्रक्रिया को पिछले 5 वर्षों से रोक कर रखा गया है, यह सरासर उच्च न्यायालय पटना बिहार के आदेश की अवहेलना भी है। जानकारी के लिए बता दे कि बैरिया प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत राज मियां पुर दुबौलिया में द्वितीय चरण शिक्षक नियोजन वर्ष 2012 में की गई अनियमितता पंचायत सचिव एवं मुखिया के द्वारा गलत बहाली की गई थी। जिसके विरुद्ध माननीय उच्च न्यायालय पटना, बिहार में एक याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई पूरी करते हुए न्यायालय द्वारा पूर्व के नियोजन को रद्द करते हुए पुनः सत्यापन के माध्यम से उचित शिक्षक अभ्यर्थी को नियोजित किरने के आदेश दिए गए।
न्यायालय के आदेश के बाद पंचायत सचिव द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से नियोजन हेतु मार्गदर्शन की मांग की गई। जिसका कोई जवाब नहीं मिलने के बाद पुनः दिनांक 8 नवंबर 2016 को पुनः की मार्गदर्शन की मांग की गई, जो अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इस मामले में न जाने किन व्यक्तिगत लाभ के कारण शिक्षा विभाग लापरवाह बना हुआ है यह पूर्णतः जांच का विषय है।
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