पैगंबर हजरत मोहम्मद का जीवन ही अहिंसा शांति एवं आपसी भाईचारे का संदेश,

 


बेतिया,19 अक्टूबर। आज  हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम के जन्मदिन ईद उल मिलाद उल नबी के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सहा सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ईद उल मिलाद उन नबी पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्म दिवस के अवसर पर कहा कि इतिहास के एकमात्र व्यक्ति हैं, जो उच्चतम सीमा तक सफल रहे। धार्मिक स्तर पर भी और  सांसारिक स्तर पर भी।पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्ल. को बचपन में ही देखकर लोग कहते, यह बच्चा एक महान आदमी बनेगा। इसी तरह अंगरेज इतिहासकार टॉम्स कारलाइल ने हजरत मोहम्मद सल्ल. को ईशदूतों का हीरो कहा है। वे महान गुण हैं जिनके कारण आपको इतना ऊंचा स्थान दिया जाता है। -

हजरत मोहम्मद सल्ल. ने सबसे पहले इंसान के मन में यह विश्वास जगाया कि सृष्टि की व्यवस्था वास्तविक रूप से जिस सिद्धांत पर कायम है, इंसान की जीवन व्यवस्था भी उसके अनुकूल हो, क्योंकि इंसान इस ब्रह्मांड का एक अंश है और अंश का कुल के विरुद्ध होना ही खराबी की जड़ है। दूसरे लफ्जों में खराबी की असल जड़ इंसान की अपने प्रभु से बगावत है।

इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल डॉक्टर शाहनवाज अली अमित कुमार लोहिया अमजद अली अजहर सिराज एवं पश्चिमी चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने कहा कि ईश्वर पर ईमान केवल एक दार्शनिक सिद्धांत नहीं बल्कि यही वह बीज है, जो इंसान के मन की जमीन में जब बोया जाता है तो इससे पूरी जिंदगी में ईमान की बहार आ जाती है। जिस मन में ईमान है, वह यदि एक जज होगा तो ईमानदार होगा।

एक पुलिसमैन है तो कानून का रखवाला होगा, एक व्यापारी है तो ईमानदार व्यापारी होगा। सामूहिक रूप से कोई राष्ट्र खुदापरस्त होगा तो उसके नागरिक जीवन में, उसकी राजनीतिक व्यवस्था में, उसकी विदेश राजनीति, उसकी संधि और जंग में खुदा परस्ताना अखलाक व किरदार की शान होगी। यदि यह नहीं है तो फिर खुदापरस्ती का कोई अर्थ नहीं। 

'जिस व्यक्ति ने खराब चीज बेची और खरीददार को उसकी खराबी नहीं बताई, उस पर ईश्वर का प्रकोप भड़कता है और फरिश्ते उस पर धिक्कार करते हैं।' 'ईमान की सर्वश्रेष्ठ हालत यह है कि तेरी दोस्ती और दुश्मनी अल्लाह के लिए हो।

तेरी जीभ पर ईश्वर का नाम हो और तू दूसरों के लिए वही कुछ पसंद करे, जो अपने लिए पसंद करता हो और उनके लिए वही कुछ नापसंद करे जो अपने लिए नापसंद करता हो।' 'ईमान वालों में सबसे कामिल ईमान उस व्यक्ति का है जिसके अखलाक सबसे अच्छे हैं और जो अपने घर वालों के साथ अच्छे व्यवहार में सबसे बड़ा है।'

'असली मुजाहिद वह है, जो खुदा के आज्ञापालन में स्वयं अपने नफ्स (अंतरआत्मा) से लड़े और असली मुहाजिर (अल्लाह की राह में देश त्यागने वाला) वह है, जो उन कामों को छोड़ दे जिन्हें खुदा ने मना किया है।'

 'मोमिन सब कुछ हो सकता है, मगर झूठा और विश्वासघात करने वाला नहीं हो सकता।' 'जो व्यक्ति खुद पेटभर खाए और उसके पड़ोस में उसका पड़ोसी भूखा रह जाए, वह ईमान नहीं रखता।' जिसने लोगों को दिखाने के लिए नमाज पढ़ी उसने शिर्क किया, जिसने लोगों को दिखाने के लिए रोजा रखा उसने शिर्क किया और जिसने लोगों को दिखाने के लिए खैरात की उसने शिर्क किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ