त्रिपुरा जल रहा है - प्रभुराज नारायण

 

             

पटना,12 नवंबर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की बिहार  राज्य कमिटी के सचिव मण्डल सदस्य प्रभुराज नारायण राव ने कहा कि आज पूरे देश में शासक वर्ग द्वारा प्रायोजित हिंसा का माहौल बनाकर  विपक्ष की सरकारों तथा इनके कार्यकर्ताओं को फसाया जा रहा है । *त्रिपुरा जल रहा है*  त्रिपुरा में चल रहा है भाजपा की सरकार और ये भाजपा नेताओं द्वारा प्रचार किया जा रहा है । लेकिन *त्रिपुरा को जलाने वाले कौन है ? कौन से लोग हैं जो उसे हवा दे रहे हैं ? कौन से लोग जलाने के कार्यों में संलग्न है ?

        केन्द्र तथा त्रिपुरा सरकार के इशारे पर विगत दिनों त्रिपुरा में  सीपीआई (एम) के अगरताला स्थित  राज्य कार्यालय , कई जिला कार्यालय और सैकड़ों अन्य कार्यालयों को भाजपा और त्रिपुरा सरकार के गुंडों द्वारा आग के हवाले कर दिया । लेकिन उन पर यू ए पी ए की कानूनी धाराएं नहीं लगाई जाएगी । बल्कि उनके नजरों में *त्रिपुरा जल रहा है* का मतलब त्रिपुरा को आग के हवाले करने वाली भाजपा सरकार और उसके गुंडों के खिलाफ जनतांत्रिक अधिकारों के तहत सड़कों पर उतर कर जनतंत्र की रक्षा की मांग करने वाले माकपा कार्यकर्ताओं , युवाओं छात्रों तथा मजदूरों को चिन्हित कर उनके ऊपर यू ए पी ए लगाने का काम किया जा रहा है । आज यह  स्पष्ट हो चुका है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर केंद्रीय सरकार को हिदायत दिया है कि बड़े पैमाने पर बिना किसी छानबीन के निर्दोष लोगों पर यू ए पी ए जैसे कानूनी दफायें लगाई जा रही है । 

            फादर स्टेन जिनकी बुढ़ापे और बीमारी से जेल में ही मृत्यु हो गई । उन्हें यू ए पी ए में गिरफ्तार किया गया था । जिन्हे कोर्ट ने निर्दोष माना । रिया चक्रवर्ती और आर्यन खां जैसे कमजोर लोगों को विख्यात नशीली पदार्थों को रखने वाला बताकर उनपर  यू ए पी ए कानून लगाया जाएगा । लेकिन *तीन हजार किलो नशीले पदार्थ जिसकी कीमत 21 हजार करोड़ रुपए का अडानी के सी पोर्ट से बरामद होने पर गुजरात सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार*  द्वारा लोगों की आवाज को अनसुना कर पूर्ण रुप से दबा दिया जाता है और अगर कोई अधिकारी उसमें हाथ लगाता है । तो स्थानांतरित कर सैंट कर दिया जाता है । सब के बावजूद पिछले 5 महीने में 25 हजार करोड़ रुपए का ड्रग्स गुजरात में पकड़ा गया । 2019 में 3 हजार करोड़ रुपए का ड्रग्स गुजरात में पकड़ा गया था । *अब गुजरात ड्रग्स का हब बन चुका है* यह सब गुजरात सरकार के नाक के नीचे हो रहा है ।

           अब तो इस जनतांत्रिक देश की केन्द्रीय सरकार अपने राज्य सरकारों और अपने गुंडों से विपक्षियों पर जानलेवा हमले कराने , विपक्ष को नेस्तनाबूत कर देने की एकमात्र मुहिम पर काम कर रही है । उसे अपने गुंडों में कोई दोष नजर नहीं आता । बल्कि विपक्ष खास कर माकपाइयों पर हमले करना ही उसका उद्देश्य रह गया है ।

          देश के किसानों को कुचल देने , देश के मजदूरों  के जनतांत्रिक अधिकारों को छीन लेने । शिक्षा और स्वास्थ्य में कटौती कर गरीबों को वंचित करने , नौकरी को कम करने के साथ ही *देश नहीं बिकने दूंगा की बात करने वाले मोदी जी अबतक अर्जित जनता की पूरी सम्पत्ति को  कारपोरेट के हाथों बेच दिया* फिर भी शत्रु जैसा व्यवहार विपक्ष से करती जा रही है ।

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