देश मे आर्थिक तंगी से गुज़र रहे शिल्पकारों का साथ देगा काला घोड़ा आर्ट कार्ट (KGAK)

 





         नई दिल्ली।      देश में काला घोड़ा एसोसिएशन महामारी के चलते जिन कारीगरों/शिल्पकारों व व्यापारियों पर आर्थिक तंगी की मार पड़ी हुई थी, उनके हित में काला घोड़ा आर्ट्स फेस्टिवल मुम्बई में आयोजित कर व्यापार की दिशा और दशा को बदलने की दिशा में अग्रसर है। अपनी संकल्प सिद्धि के लिए काला घोड़ा एसोसिएशन जनहित में अपनी नवीनतम योजनाओं के साथ इस दिशा में 10 दिसंबर से ही गतिशील है परन्तु काला घोड़ा आर्ट्स फेस्टिवल फरवरी 2022 में विस्तृत स्वरूप के साथ देश भर के आर्थिक तंगी से गुज़र रहे व्यापारियों का साथ देगा। यह आर्ट्स फेस्टिवल कला उत्सव के रूप में 30 नवंबर 2022 तक चलेगा। काला घोड़ा एसोसिएशन द्वारा संचालित 'काला घोड़ा आर्ट कार्ट ऑनलाइन सेवा' ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय संचालकों के लिए एक नई आर्थिक ऊर्जा प्रदान करता हैं जो अपने अनूठे और अद्भुत हस्तकला की कारीगरी को लोगों के सामने लाना चाहते हैं, तो ऐसे में ऑनलाइन के जरिए उनकी ये मेहनत लाखों लोगों के सामने आसानी से आ सकती हैं और कोरोना महामारी से हुए नुकसान की भरपाई भी हो सकती है।
 ग्लोबल प्लेटफार्म के रूप में 'काला घोड़ा आर्ट कार्ट'
देखने के लिए मिलेगा जहां पर एक ही मंच पर एकलौते या सामूहिक तौर पर आए हुए कलाकृतियों में एक बात सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगी और वो है कारीगरों द्वारा हमारी पारंपरिक बुनाई पर दिया गया महत्व, आधुनिक जीवन शैली में भी पुराने संस्कृति और कला से जुड़ी सामानों का किस तरह उपयोग हो और कैसे भारत की संस्कृति इनके माध्यम से उजागर हो और लोगो तक पहुचे, ये 'काला घोड़ा आर्ट कार्ट' की खासियत होगी। 
बकौल काला घोड़ा एसोसिएशन की अध्यक्ष ब्रिंदा मिलर काला घोड़ा आर्ट कार्ट ऑन लाइन के माध्यम से हमारा प्रयास शिल्पकारों की अनूठी कलाओ और कृतियों को सामने लाना है। इस कार्ट की मदद से छोटे कारीगरों को जीवन बसर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा वातावरण को शुद्ध, हरित और संतुलित बनाये रखने के साथ ही पशु धन से जुड़े मित्रवत संघों को भी प्रदर्शित करने का आग्रह किया यहाँ किया गया है।  'काला घोड़ा आर्ट कार्ट' में हम लगातार उन लोगों की मदद करने में भी सक्षम हैं जो इस दुनिया को बेहतर बनाने में हम सभी की मदद करते हैं।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय






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