मोतिहारी, 18 जनवरी। तापमान में हुई गिरावट के कारण ठंड में काफ़ी वृद्धि हुई है। जिसका प्रभाव बच्चों व बुजुर्ग पर ज्यादा देखा जा रहा है। इस मौसम में नवजात शिशुओं के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी के कारण कई गम्भीर रोग हो सकते हैं। यह कहना है मोतिहारी के सदर अस्पताल में एएनएम के पद पर कार्यरत मीरा सिन्हा का। उन्होंने बताया कि बच्चों को इस समय खास देखभाल कर ठंड से बचाया जाना चाहिए। साथ ही सही समय उनको दिए जाने वाले टीके भी लगवाने चाहिए। ताकि बच्चा ठंड के मौसम के साथ ही बीमारियों से भी सुरक्षित रहे।
- कंगारू केयर जरूरी है
मीरा सिन्हा का कहना है कि नवजात एवं छोटे बच्चों के माता पिता को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने टीकाकरण कराने आए बच्चों के माता पिता को बताया कि बच्चे के शरीर में रोग प्रतिरक्षण हेतु टीके लगाए जाते हैं । जिससे बच्चे के शरीर की रोग से लडने की शक्ति बढ़ती है। टीकाकरण से बच्चों में कई संक्रामक बीमारियों की रोकथाम होती है । उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में बच्चों को निमोनिया, कोल्ड डायरिया,सर्दी, खाँसी, बुखार के साथ अन्य ठंड जनित रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएं। किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतें। शिशु का रात में सोते वक़्त भी विशेष ख्याल रखें। बच्चे की माँ अपने नवजात को सीने से लगाकर रखें क्योंकि कंगारू केयर जरूरी है। इससे शिशु के दिल की धड़कन, ब्रीदिंग और शरीर का तापमान रेगुलेट करने में मदद मिलती है। जो उनकी सुरक्षा में काफ़ी मददगार साबित होता है। रात में गीले में न सोने दें ।छः माह से कम आयु के बच्चों को सिर्फ माँ का दूध ही दें। किसी भी प्रकार का बाहरी भोजन न दें। साथ ही समय समय पर सभी टीकाकरण अवश्य ही कराएं। रात में बच्चों को भोजन अवश्य कराएं। खाली पेट नहीं सोने दें।
-बच्चों के लिए उपलब्ध हैं ये टीके:
एएनएम मीरा सिन्हा ने बताया कि
सदर अस्पताल में खसरा,टेटनस, पोलियो,क्षय रोग,गलघोंटू,काली खांसी,हेपेटाईटिस "B" के टीके बच्चों को दिए जा रहे हैं। ताकि बच्चे इन सभी बीमारियों से बचें।
- गिरते तापमान में सतर्कता जरूरी :
एएनएम मीरा सिन्हा ने बताया कि बदलते मौसम और गिरते तापमान में बच्चों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है । सुबह, शाम औऱ रात में ठंड से होने वाली शारीरिक पीड़ा से दूर रहने के लिए निश्चित रूप से गर्म कपड़े का उपयोग करना चाहिए। गर्म पानी का सेवन करना चाहिए, ताकि ठंड शरीर को प्रभावित नहीं करे और लोग स्वस्थ रहें।
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