क्रिमनलाइजेशन, करप्शन व कम्युनलिज्म पर बहस से भाग रही सरकार-माले

 






बेतिया 31 मार्च । भाकपा-माले  ने आज विधानसभा के अंदर माले विधायकों का मार्शल आउट की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि आज एक बार फिर बिहार विधानसभा के अंदर लोकतंत्र शर्मसार हुआ है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष को राज्य में गिरती कानून-व्यवस्था के सवाल पर गंभीरता दिखलानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने तानाशाही का रवैया अपनाया. उनका इस तरह का आचरण बारबार देखा जा रहा है. वे भाजपा-आरएसएस के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

               उक्त बातें भाकपा-माले नेता सुनील कुमार राव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि विदित हो कि भाकपा-माले विधायक दल ने आज बिहार विधानसभा में राज्य में गिरती कानून-व्यवस्था, माॅब लिंचिंग, भाजपा-आरएसएस द्वारा सांप्रदायिक उन्माद भड़काने, दलितों-अतिपिछड़ों पर बर्बर सामंती हमले, अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा प्रचार आदि विषय पर ही आज विधानसभा के अंदर कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया गया था, क्योंकि आज सदन का अंतिम दिन था. लेकिन भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष ने उलटे विधायकों को अपमानित किया. विधायकों को जबरदस्ती उठाकर बाहर भेजवा दिया. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.

माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि विगत दस दिनों में राज्य में हत्या की कई घटनाएं हुई हैं. खुद मुख्यमंत्री पर हमला हुआ. दानापुर में जदयू नेता दीपक मेहता की हत्या कर दी गई. पटना सिटी में एक व्यापारी की हत्या हुई. 1857 के नायक बाबू कुंवर सिंह के प्रपौत्र की दिनदहाड़े भोजपुर में हत्या कर दी गई. लूट की घटनाओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. सबसे हालिया प्रकरण में मधेपुरा में रेप की कोशिश का विरोध कर रही एक दलित महिला को खाप पंचायत के आदेश पर लाठियों से पीटा गया व सरेआम निर्वस्त्र किया गया. विगत 20 मार्च को रोहतास जिला के सूरजपुरा प्रखंड के अगरेरपुर गांव में छोटी सी घटना में सामंती अपराधियों ने राजदेव पासवान की गोली मारकर हत्या कर दी और कई लोगों को घायल कर दिया पश्चिम चंपारण के बल्थर में पुलिस हिरासत में अनिरुद्ध यादव की हत्या हुई. इसके पहले नालंदा, बेगूसराय आदि तमाम जिलों में दलित-गरीबों की हत्यायें हुई हैं. 

उन्होंने आगे कहा कि क्रिमनलाइजेशन, करप्शन व कम्युनलिज्म पर नीतीश सरकार जीरो टाॅलरेंस का दावा करती थी, लेकिन आज पूरा बिहार पुलिस-अपराधियों के चंगुल में है. फासीवादी भाजपा व आरएसएस केे नफरत भरे अभियान से इस तरह की घटनाओं को और बल मिला है. अभी हाल में भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाला बयान दिया. हर पर्व-त्योहार को कलंकित करने व उसे हिंसा की आग में झोक देने का प्रयास हो रहा है और मुख्यमंत्री बैठकर तमाशा देख रहे हैं. इसे बिहार की जनता स्वीकार नहीं करेगी. हम सदन से लेकर सड़क तक संघर्ष जारी रखेंगे। 



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