परिवार में खुशी की लहर, युक्रेन के युद्ध माहौल से स्वदेश लौटा चम्पारण का स्टुडेंट

  


चंपारण, 08 मार्च। बिहार राज्य स्थित बेतिया के आनंद नगर मुहल्ले में जब आदर्श के पांव पड़े तो उनके मां बाप के कलेजे में ठंडक पहुंची। जानकारी के लिए बता दें कि शुक्रवार को संध्या में जब आदर्श कुमार अपने घर पहुंचे तो उनकी मां गले लगकर फफक-फफक कर रोने लगी। इस खुशी के आंसू की धार इतनी तेज थी कि इसने सारी चिंताओं को डूबा दिया। इसके बाद परिवार के साथ मुहल्ले वालों ने भी ठंडी सांसें ली। आपको बता बताना चाहते हैं कि आदर्श कुमार आनंद नगर बेतिया का निवासी मुनेन्द्र कुमार मिश्रा के पुत्र हैं जो मेडिकल की पढ़ाई करने युक्रेन गये थे। जानकारी के लिए बता दूं कि वे युक्रेन के विनित्स्या नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। लगभग तीन साल में उनका पांच सेमेस्टर फाइनल हो गया है तथा छठे सेमेस्टर की परीक्षा देनी है। आगे आदर्श को करीब तीन और साल पढ़ाई करनी है। युक्रेन एवं रसिया युद्ध को लेकर वे अन्य छात्रों के साथ 28 फरवरी को रोमानिया बोर्डर पर पहुंचे। रोमानिया बोर्डर से दिल्ली के लिए 3 मार्च को रवाना हुए और 4 मार्च को दिल्ली हवाई अड्डे पर उनका स्वागत बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने किया। युक्रेन में युद्ध के हालातों की जानकारी देते हुए उनका मन घबरा रहा था। उन्होंने बताया कि कैसे खतरें की सायरन बजते ही भागकर बंकरों में छिप जाते थे, पुनः स्थिति सामान्य वाली सायरन की आवाज सुन वापस अपने होस्टल में वापस आते थे। आदर्श ने बताया कि विनित्स्या में खाने-पीने के सामान मिल जाते थे। युक्रेन के अन्य जगहों पर पीने के पानी के भी लाले पड़ गए हैं। उन्होंने प्रेस-मीडिया के माध्यम से सरकार से गुहार लगाई कि अभी भी कई बच्चे युक्रेन के कई जगहों पर फंसे हैं उन्हें जल्द निकाला जाए, अन्यथा भूख प्यास से ही उनकी मौत हो जाएगी।जब पत्रकारों ने आदर्श कुमार से युक्रेन वापस जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उनके सपने एवं भविष्य उनका इंतजार कर रहा है। 

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