कई राज्यों के कामरेडो ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।




पटना, 07 अप्रैल।  भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की 23 वीं पार्टी कांग्रेस जो 6 से 10 अप्रैल तक हो रहा है । दूसरे दिन पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी द्वारा दिए  राजनीतिक प्रस्ताव पर कई राज्यों के कामरेडो ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बिहार प्रतिनिधि की ओर से बिहार राज्य सचिव ललन चौधरी ने अपनी बातों को रखा । उन्होंने बिहार में भाजपा के बढ़ रहे शक्ति के लिए महागठबंधन और कांग्रेस पार्टी को इसका जिम्मेदार माना । उन्होंने ने गत विधान सभा चुनाव में वामदलों और महागठबंधन के चुनावी समझौता को सकारात्मक माना । उन्होंने कहा कि माकपा को मिली 4 सीटों में से दो सीट हमने जीता और दो सीटों पर भारी वोट हमने लाया और मटिहानी सीट 5 सौ मतों से तथा पीपरा सीट पर 80 हजार मत लाकर भी हम हार गए। 

            उन्होंने कहा कि बिहार में हमें भूमि संघर्ष को मजबूती से लड़ना होगा । हमें नौजवानों के बेरोजगारी के सवाल पर एक बड़ा संघर्ष खड़ा करना होगा । हमें किसान संघर्ष ने सरकार को संघर्ष के बल पर झुकाने का नई दिशा दिया है। उसका इस्तेमाल करना होगा ।

         उन्होंने यह भी कहा कि आज केरल माडल लगातार सफलता हासिल कर रहा है । लेकिन उस रास्ते का हम अनुसरण नहीं कर रहे हैं । दक्षिण बिहार के राज्यों को इसका प्रचार करना होगा ।

         उन्होंने वामदल और सेकुलर फोर्सेस की एकता को मजबूत बनाने पर बल दिया ।

        का. चौधरी ने बिहार के बन्द 18 चीनी मिलों को अविलंब चालू करने की सरकार से मांग की । साथ ही अलग से अनाज आधारित  इथनौल प्लांट लगाने के बिहार सरकार की योजना का कड़ा विरोध किया l

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