आपातकाल के दौरान मारे गये लोगों, पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के सम्मान में सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन।
पटना, 28 जून l सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में भारत में आपातकाल के दौरान मारे गए लोग ,पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के सम्मान में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, अमित कुमार लोहिया एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत में 1975 आपातकाल के समय को सदियों तक याद रखा जाएगा। आपातकाल की घोषणा के दो दिन के भीतर ही राजनीतिक विरोधियों एवं आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर तो पहरा बिठा ही दिया गया, साथ ही आजाद भारत में ऐसा पहली बार हुआ, जब सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगाये। आपातकाल के दरमियान स्थिति ऐसी थी कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा । अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई। आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए। हालात इस कदर बिगड़े कि टाइम एवं गार्जियन अखबारों के समाचार-प्रतिनिधियों को भारत से जाने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित अन्य एजेंसियों के टेलेक्स एवं टेलीफोन काट दिए गए थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों से अपील करते हुए कहा कि भारत के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में आम भूमिका निभाने की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र को अत्यधिक मजबूत किया जाए जिसका सपना बरसों पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अमर शहीदों स्वतंत्रता सेनानियों एवं संविधान सभा के सदस्यों ने देखा था।
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