उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया 76 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह।
बेतिया,15 अगस्त । पश्चिमी चंपारण जिला में 76 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। समूचे जिले में आन-बान-शान से लहराया तिरंगा। मुख्य समारोह स्थल महाराजा स्टेडियम, बेतिया में जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया कुंदन कुमार द्वारा पूर्वाह्न 09.00 बजे झंडोत्तोलन किया गया। जिलाधिकारी द्वारा परेड का निरीक्षण भी किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक, बेतिया उपेन्द्र नाथ वर्मा, उप विकास आयुक्त अनिल कुमार सहित जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।
स्वतंत्रता दिवस समारोह का प्रसारण फेसबुक लाइव के माध्यम से किया गया जिसे जिलेवासियों ने देखा और सुना। इसके साथ ही समाहरणालय परिसर के विभिन्न कार्यालयों सहित जिले के सभी सरकारी कार्यालयों, महादलित बस्तियों, अमृत सरोवरों पर झंडोत्तोलन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
मुख्य समारोह स्थल महाराजा स्टेडियम में झंडोत्तोतलन के उपरांत जिलाधिकारी द्वारा जिले में क्रियान्वित विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित उपलब्धियों को साझा किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज 76 वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर यहाँ उपस्थित लोगों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से देख रहे पश्चिम चम्पारण जिला के समस्त नागरिकगण, भाईयों, बहनों तथा प्यारे बच्चों, सर्वप्रथम मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ । साथ ही आप सभी को देश के 76 वें स्वतंत्रता दिवस की खूब-खूब बधाई भी देता हूँ। हम सब अवगत है कि हमारे देश के असंख्य, महापुरूषों/क्रान्तिकारियों के त्याग एवं बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतंत्र देश के रूप में उभर कर विश्व मानचित्र पर आया। आज पश्चिम चम्पारण की ऐतिहासिक धरती पर स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय झंडोतोलन करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।
हमे यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि भारतीय स्वतत्रंता आदोंलन के समग्र इतिहास में पश्चिम चम्पारण जिले का अतुलनीय योगदान है। वर्ष 1907 ई0 से ही चम्पारण के किसान नीलहां के अत्याचार के विरूद्व समय-समय पर संघर्ष करते आ रहे थे, जिसका नेतृत्व जिलास्तर के नेताओं पंडित श्री राजकुमार शुक्ल, शेख गुलाब, शीतल राय आदि द्वारा किया जा रहा था। पंडित राजकुमार शुक्ल द्वारा सन् 1916 ई0 के काँग्रेस के 31 वें लखनऊ अधिवेशन में सम्पूर्ण जिले के दुख-दर्द से महात्मा गाँधी को अवगत कराया गया, जिससे प्रभावित होकर गाँधीजी ने चम्पारण के रैयतों के बारे में एक सहानुभूति प्रस्ताव पारित कराया। पंडित राजकुमार शुक्ल के प्रयास से 15 अप्रैल, 1917 ई0 को चम्पारण की धरती पर महात्मा गाँधी का आगमन हुआ तथा उनके नेतृत्व में नील आंदोलन चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप नीलहों के अमानवीय अत्याचार से चम्पारण के किसानों को मुक्ति मिली। इसी के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ चम्पारण सत्याग्रह के माध्यम से भारतीय स्वाधीनता संग्राम की मजबूत आधारशिला रखी।
उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में चम्पारण के संघर्ष एवं बलिदान को हम नहीं भूल सकते हैं। सन् 1942 के अगस्त क्रान्ति के दौरान 24 अगस्त, 1942 का वह दिन चम्पारण ही नहीं भारतवर्ष के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। इस दिन चम्पारण के आठ सपूत राजेश्वर मिश्र, गणेश राव, भागवत उपाध्याय, गणेश राय, जगन्नाथपुरी, फौजदार अहिर, तुलसी राउत एवं भिखारी कोइरी ने भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राणां की आहूति दी। चम्पारण के इन क्रान्तिकारी शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनकी शहादत स्वतंत्रता का दीप लिए 15 अगस्त, 1947 के रूप में हमारे साथ आया।
उन्होंने कहा कि सरकार का मूल संकल्प राज्य का न्याय के साथ सर्वांगीण विकास है और विकास की इस यात्रा के क्रम में जो संकल्प लिए गये हैं, उसकी प्राप्ति के लिए सरकार पूर्णतः प्रतिबद्व है। विगत वर्षो में राज्य सरकार द्वारा जनहित में कई कदम उठाये गये है जिसमें सरकार के सात निश्चय योजना, बिहार उत्पाद (सश्ांधन) अधिनियम, 2016 एवं बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का प्रवर्तन आदि महत्वपूर्ण है।
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के आर्थिक, समाजिक एवं समावेशी विकास हेतु बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत वर्ष 2021 में इन्टर में प्रथम श्रेणी से उर्तीण कुल 885 मुस्लिम छात्राओं को लाभान्वित किया गया। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना अन्तर्गत वितीय वर्ष 2021-22 में प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना अन्तर्गत कुल 73040 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री परित्यक्ता/तलाकशुदा योजना अन्तर्गत जिला में कुल 10 मुस्लिम परित्यकता/तलाकशुदा महिलाओं का चयन कर विभाग को अनुशंसा भेजा गया है। इस जिला में जननायक कर्पूरी छात्रावास संचालित है, जिसमें कुल-100 अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के रहने की व्यवस्था है। प्रत्येक छात्रों को मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजनान्तर्गत 1000.00 (एक हजार) रूपये एवं मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना अंतर्गत 15 किलो खाद्यान प्रतिमाह दिया जाता है। मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजनार्न्गत अति पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों की बीपीएससी एवं यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में उतीर्ण छात्रों को क्रमशः 50000.00 (पचास हजार) एवं 100000.00 (एक लाख) रूपये प्रदान किया जाता है। कुमारबाग में 520 आसन वाले पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग बालिका आवासीय विद्यालय निर्माण हेतु स्थल चिन्हित किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा शिलान्यास का कार्य किया जा चुका है। निर्माण कार्य प्रारंभिक अवस्था में है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना अंतर्गत कुल प्राप्त 7771 आवेदनों में बैंक/शिक्षा वित्त निगम द्वारा 5178 लाभुकों को ऋण स्वीकृत करते हुए बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड निर्गत किया गया है। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना अंतर्गत कुल प्राप्त 19444 आवेदनों में 16969 लाभुकों को 2236.65 लाख रूपये का स्वयं सहायता भत्ता का भुगतान किया गया है। कुशल युवा कार्यक्रम अंतर्गत कुल-41445 लाभुकों को व्यवहारिक कौशल प्रशिक्षण पूर्ण करा दिया गया है एवं 6490 लाभुकों को व्यवहारिक कौशल प्रशिक्षण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना अंतर्गत कुल लक्षित 4194 वार्डों में जिला पंचायती राज द्वारा 3330 तथा पीएचईडी के द्वारा 795 वार्डों का कार्य पूर्ण करते हुए कुल-4125 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण घर का सम्मान ग्रामीण योजना अंतर्गत जिले के कुल लक्षित 477445 घरों में शौचालय निर्माण एल0एस0बी0ए0 द्वारा पूर्ण कर लिया गया है एवं कुल लक्षित सभी पंचायतों को ओ0डी0एफ0 घोषित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग जिले के जरूरतमंद वर्गों के लिए कार्यरत है। जिले में परवरिश योजना के अन्तर्गत विभिन्न श्रेणी के कुल 1172 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिसमें से कुल 31 बच्चों को योजना से आच्छादित करते हुए अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अधीन जिले के 348726 (तीन लाख अड़तालीस हजार सात सौ छब्बीस) लाभुकों को सीधे उनके खाते में योजना की राशि का भुगतान किया जा रहा है। वृद्धजनों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों के हितों के लिए तीनों अनुमंडल में एक-एक बुनियाद केन्द्र क्रियाशील है, जो बैरिया, गौनाहा एवं बगहा-02 प्रखंड परिसर में संचालित है। जिला में दिव्यांगजनों के हितों के लिए जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कोषांग का गठन किया गया है। इस कोषांग द्वारा दिव्यांगजनों के लिए सहायक अंग एवं उपकरण का वितरण किया जाता है। इस वर्ष 103 दिव्यागंजनों को ट्राईसाईकिल का वितरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि भूमि विवाद (शनिवारीय) अंतर्गत पश्चिम चम्पारण जिला में अंचल स्तर पर अबतक भूमि विवाद से संबंधित 3578 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसके विरूद्ध 3440 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। अनुमंडल स्तर पर अबतक भूमि विवाद से संबंधित 226 आवेदन प्राप्त हुए है, जिसके विरूद्ध कुल-225 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। शनिवारीय जनता दरबार के नियमित आयोजन के फलाफल भूमि विवाद के मामले अपेक्षाकृत काफी कम संख्या में प्रकाश में आ रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन की पहल पर पश्चिम चम्पारण जिले में एग्रीस्मिता समूह का गठन किया गया जिसके माध्यम से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में उद्यामिता विकास के लिए एक कॉमन प्लेटफॉर्म तैयार करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि जीविका परियोजना द्वारा गरीबी उन्मूलन एवं महिला सशक्तीकरण के निमित ग्रामीण स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में पश्चिम चम्पारण जिले में अबतक कुल-39552 महिला स्वयं सहायता समूहों, 2538 ग्राम संगठनों एवं 53 संकुल स्तरीय संघों का गठन करते हुए कुल-4,81,435 (चार लाख इक्यासी हजार चार सौ पैंतीस) परिवारों को जोड़ा गया है। जीविका दीदियों द्वारा जिले भर में कुल-09 दीदी की रसोई आवासीय विद्यालयों एवं अनुमण्डलीय अस्पताल में संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अमवा मन को गेट-वे ऑफ पश्चिम चम्पारण के रुप में विकसित किया जा रहा है, जो एक मनोरम प्राकृतिक जलाशय है। यहाँ पर राज्य का पहला पैरासेलिंग स्पॉट विकसित किया जा रहा है। इसमें मोटर बोट, पैडल बोट, कयास्क, बनाना राइड, सोफा राईड, जेट स्की, जॉबिंग सेलर, कनू, ट्री हाउस, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट आदि की भी सुविधा मिलेगी। कैंटिन, शुद्ध पेयजल, मॉड्युलर शौचालय, प्रफैब चेंजिंग रुम, पार्किंग, टिकट काउंटर, हाउस किपिंग आदि की भी समुचित व्यवस्था एवं विकास तथा सौंदर्यीकरण हेतु विभाग द्वारा राशि की स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसमें मोटर बोट, पैडल बोट, क्यास्क और जेटस्की की शुरुआत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन पश्चिम चम्पारण जिले के प्रसिद्ध मर्चा चुड़ा को जी0आई टैग दिलाने हेतु प्रयासरत है। यह प्रयास अब अंतिम चरण में है, शीघ्र ही जिले के मर्चा चुड़ा को जी0आई टैग मिलने की प्रबल संभावना है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आप अवगत हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां की गंगा-जमुनी तहजीब विश्व विख्यात है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता विधि-व्यवस्था का संधारण एवं कानून का राज स्थापित करना है। राज्य के सभी नागरिक बिना भय के अमन-चैन से रहें तथा साम्प्रदायिक सौहार्द, भाई-चारा बनाये रखें, समाज के सभी वर्गों को न्याय एवं उनका हक मिले, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। जिसके फलस्वरूप कानून एवं विधि-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
जिलाधिकारी ने कहा कि आज इस महान अवसर पर हम समाज के सभी धर्मो, सम्प्रदायों, वर्गो, जातियों के लोगों का आह्वान करते हैं कि देश एवं राज्य को आगे बढाने में मिलजुल कर काम करेगें एवं जागरूक रहकर भ्रष्टाचार मुक्त एक स्वस्थ एवं समृद्व देश का निर्माण करेंगे। जय हिन्द-जय भारत
1 टिप्पणियाँ
So sweet ☺️
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