आजादी का अमृत महोत्सव उत्साह चरम पर रहा।

 


           0 बैजनाथ कुमार निदेशक निटमे 0

स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को सम्पूर्ण राष्ट्र अमृत महोत्सव के रूप में हर घर झंडा के रूप में मना रहा है।यह उत्सव महान पर्व का रूप ले लिया है। हो भी क्यों नहीं क्योंकि यह महापर्व धर्म,जाति, रंग, स्थान से हट कर है।

हर घर तिरंगा की मांग इस कदर बढ़ी की बहुत जगह तिरंगा का स्टॉक ही खत्म हो गया। पूर्ति हेतु अन्य जगह से मंगवाया गया। खादी के झंडे की मांग अपने चरम पर था।एक एक संस्था और संगठन ने हज़ार हज़ार तिरंगा का ऑर्डर दिया।

13 अगस्त से 15 अगस्त तक तीन दिनों तक पूरे हिंदुस्तान में तिरंगा नजर आया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो शहर,गली एवं कस्बा तिरंगामय हो गया हो।लोगों का जुनून और जज़्बा अपने तिरंगे के प्रति देखते ही बन रहा था। 

    आईए अब हम जानते है तिरंगा का ये तीन रंग क्या बताता है।

केसरिया ताकत-साहस का प्रतीक है जबकि सफेद शांति और सच्चाई का वहीं हरा उर्वरता,समृद्धि धरती की खुशहाली का प्रतीक है। अशोक चक्र गति में ही जीवन को दर्शाता है। तो आईए हम अपनी स्वतंत्रता को अक्षुण  बनाये रखने की सपथ लें।

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