ऐतिहासिक बेतिया राज की हजारों वर्षों के ऐतिहासिक दस्तावेजों को कंप्यूटराइज करने की मांग।

 


 पटना, 31 अगस्त।  सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव ,डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड डॉ अमित कुमार  लोहिया एवं पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने कहा, महारानी जानकी कुंवर ने अनेक रचनात्मक कार्य किए ताकि बेतिया के आम जनों के जीवन को सरल एवं सुलभ बनाया जा सके। बेतिया राज द्वारा

महारानी विक्टोरिया के बड़े बेटे एडवर्ड -7 के सम्मान में स्थापित बेतिया अस्पताल को भव्य बनाने का प्रयास किया, महारानी जानकी कुंवर ने अपने 1 वर्ष के शासनकाल में बेतिया मेडिकल कॉलेज के लिए एक बड़ी धनराशि मुजफ्फरपुर स्थित बैंक में जमा कराई ताकि बेतिया में उच्च श्रेणी का मेडिकल कॉलेज ,अस्पताल स्थापित हो एवं देश-विदेश से लोग इलाज के लिए बेतिया की तरफ रुख करें। महारानी जानकी कुंवर का मेडिकल कॉलेज अस्पताल का सपना लगभग 110 वर्ष बाद पूरा हुआ ,उन्होंने मंदिरों , धर्मशालाओ एवं अनेक पाठशालाओं की स्थापना कराई ,इसी बीच अफगानिस्तान से लेपिस लजूली नामक हीरा को मांगा कर भारत के राजा रजवाड़ों के बीच चर्चा का विषय बन गई, जनता द्वारा किए गए उनके कार्यों से अंग्रेज नाखुश थे ।इसी बीच एक षड्यंत्र के तहत 1897 ई को महारानी जानकी कुंवर को मानसिक रूप से बीमार घोषित करते हुए बेतिया राज कोर्ट ऑफ वार्ट्स के हवाले कर दिया गया।

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं बेतिया पश्चिम चंपारण के बुद्धिजीवियों का एक शिष्टमंडल पहल करते हुए भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ अमृत महोत्सव पर राज  कचहरी स्थित बेतिया संग्रहालय को जीवंत रूप देने के लिए एक जन जागरण अभियान चला रहा है। इसके लिए एक ब्लू प्रिंट तैयार की जा रही है ताकि आने वाली पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास को जान सके।

इस अवसर पर वक्ताओं ने  मांग करते हुए कहा कि बेतिया राज की जमीन पर बसे लोगों का सर्वेक्षण कर बेतिया राज के लगभग 1000 से 5000 वर्षों तक के गौरवशाली रिकॉर्ड रूम को कंप्यूटराइज करने की मांग थी ताकि बहुमूल्य धरोहरों को संरक्षित किया जाए।

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