शिक्षक दिवस पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने देश के शिक्षकों से की अपील ‌।

 


बेतिया, 5 सितंबर।  शिक्षक दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सर्वप्रथम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए  डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ब्रांड एंबेसडर स्वच्छ भारत मिशन सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, डॉ सुरेश कुमार  अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू शरण शुक्ल एवं अल बयान के संपादक डॉ सलाम ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि

 भारत में हर साल 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के सबसे महान शिक्षक और विद्वान थे।  भारत में शिक्षक दिवस उनके काम , शिक्षकों के  सम्मान एवं शिक्षा के लिए उनके अभियान का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।  भारत में पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर, 1962 को मनाया गया, जो उनका 77वां जन्मदिन था।  वह एक प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न के प्राप्तकर्ता, पहले उपराष्ट्रपति और स्वतंत्र भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।  उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। एक शिक्षाविद् के रूप में, वे संपादन के पैरोकार थे एवं एक प्रतिष्ठित दूत, शिक्षाविद और सबसे बढ़कर एक महान शिक्षक थे।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि  किसी देश का भविष्य उसके बच्चों के हाथों में होता है, और शिक्षक, गुरु के रूप में, छात्रों को भविष्य के नेताओं में ढाल सकते हैं जो भारत की नियति को आकार देते हैं।  करियर और व्यवसायों में सफल होने में हमारी मदद करने में वे हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।  वे हमें अच्छे इंसान, समाज के बेहतर सदस्य और देश के आदर्श नागरिक बनने में मदद करते हैं।  शिक्षक दिवस उन चुनौतियों, कठिनाइयों और विशेष भूमिकाओं को स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है जो शिक्षक हमारे जीवन में निभाते हैं।

शिक्षक दिवस एक ऐसा आयोजन है जिसके लिए छात्र और शिक्षक समान रूप से तत्पर रहते हैं।

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