बिहार में खेत मजदूरों की दयनीय हालत , केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति - सूर्यकांत पासवान




 पश्चिम चम्पारण, 08 जनवरी। बेतिया स्थित जगजीवन नगर में बलिराम भवन के सभागार में आज बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन पं चम्पारण का जीबी मिटिंग आयोजित किया गया इस जी बी मिटिंग की अध्यक्षता तारकेश्वर सहनी एवं जयपाल दास ने संयुक्त रुप से किया, जी बी मिटिंग के मुख्य वक्ता विहार विधानसभा के सदस्य सूर्यकांत पासवान रहे जिन्होंने अपने संबोधन के क्रम में बिहार में खेत मजदूरों की दयनीय हालत पर प्रकाश डालते हुए केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति बताया उन्होंने ने कहा कि देश में खेत मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा है, इस देश को कृषि उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में खेत मजदूरों की बड़ी भूमिका है लेकिन देश में सबसे उपेक्षित जीवन जीने के लिए खेत मजदूर मजबूर है, आज भी इनके पास आशियाना बनाने के लिए अपनी भूमि नहीं है शिक्षा चिकित्सा से बंचित यह वर्ग आज भी भगवान भरोसे जीने के लिए मजबूर है यहाँ तक की इनको न्यूनतम मजदूरी का भी लाभ नहीं मिल पाता अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के साथ बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन लगातार खेत मजदूरों के लिए व्यापक केन्द्रीय कानून बनाने के लिए संघर्ष करता रहा है जिसके परिणामस्वरूप कुछ राज्यों में खेत मजदूरों को व्यापक समाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया गया है जबकि बिहार जैसे राज्य में आज भी खेत मजदूरों को गरीबी रेखा से नीचे का जीवन जीने के लिए विवश होना पड रहा है, बिहार के खेत मजदूरों को साल भर काम भी नहीं मिल पाता जिसकी क्षति पूर्ति के लिए मनरेगा योजना शुरू की गई लेकिन यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेट चढ गई है जिसका नतीजा है कि कृषि में रोजगार नहीं मिलने से बडे़ पैमाने पर बिहार के कृषि मजदूरों का पलायन हो रहा है, कोरोना काल में बाहर में भी काम नहीं मिलने के कारण खेत मजदूरों को काफी कष्ट का जीवन व्यतीत करना पड़ा, 

    बिहार राज्य खेत मजदूर यूनियन खेत मजदूरों के वास के जमीन एवं साल में कम से कम 200 दिनों के रोजगार की गारंटी के लिए लगातार संघर्ष करता रहा है, इस संघर्ष को और मजबूत करने के लिए खेत मजदूरों के संगठन को मजबूत एवं संघर्ष के रास्ते पर आगे बढने का आह्वान किया 

   श्री पासवान ने बताया कि संगठन को मजबूत करने के लिए शाखा, अंचल, जिला सम्मेलन का दौर चल रहा है मार्च माह में बिहार के मधुबनी जिला में बिहार भर के खेत मजदूरों का राज्य सम्मेलन होने जा रहा है जिसमें खेत मजदूरों के सवाल पर संघर्ष की व्यापक योजना तैयार की जायेगी

  खेत मजदूर यूनयन पं चम्पारण के प्रभारी सुबोध मुखिया ने शाखा अंचल एवं जिला सम्मेलन की रुप रेखा प्रस्तुत करते हुए मार्च के प्रथम सप्ताह में जिला सम्मेलन करने का प्रस्ताव रखा साथ ही पं चम्पारण जिला के सभी अंचलों में खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले रोजगार गारंटी स्कीम के तहत रोजगार उपलब्ध कराने एवं गरीबों के उजाड़ अभियान पर रोक लगाने के लिए आंदोलन करने का आह्वान किया, 

   पं चम्पारण खेत मजदूर यूनियन के संयोजक पीताम्बर शर्मा ने खेत मजदूर यूनियन की सदस्यता पर बल देते हुए पं चम्पारण में 25 हजार खेत मजदूरों को यूनियन का सदस्य बनाने का संकल्प लिया, 

  बैठक को जिला किसान नेता राधामोहन यादव, अशोक मिश्र, बब्लू दूबे ने खेत मजदूर यूनियन को मजबूत कर किसानों के साथ दोस्ती करते हुए संघर्ष को आगे बढाने का आह्वान किया, 

     बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा जिला सचिव ने कहा कि पं चम्पारण में खेत मजदूरों की समस्याओं को लेकर भाकपा भी लगातार संघर्ष करती रही है इस जिला में दर्जनों गाँव पार्टी की पहल से बसाये गये हैं जिसमें सबसे अधिक खेत मजदूरों को बसाया गया है, अभी भी इस जिला में सौन्दर्यीकरण के नाम पर तो अवैध कब्जा के नाम पर बर्षो से बसे खेत मजदूरों को सामंती शक्तियों से मिलकर प्रशासन उजाडना चाहता जिसे ऊजडने से बचाने के लिए पार्टी हर संघर्ष करने के लिए तैयार है खेत मजदूरों को बडे़ पैमाने पर यूनियन से जोड कर उनके हक और अधिकार के लिए आगे बढने की जरूरत बताते हुए खेत मजदूरों के हर संघर्ष में पार्टी की ओर से सहयोग करने की बात कही

   इस बैठक में कई प्रखण्डो के खेत मजदूर फ्रांट पर काम करने वाले लोगों ने भाग लिया, चनपटिया, बैरिया, नौतन, मझौलिया, सिकटा, मैनाटांड, योगा पट्टी, लौरिया, बेतिया, गौनाहा,नरकटियागंज, रामनगर, आदि प्रखण्डो के खेत मजदूरों ने बैठक में भाग लिया। 

 

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