पटना मे राष्ट्र सेवा दल,बिहार की ओर से "आजादी आंदोलन और हम " शीर्षक से चर्चा आयोजित





पटना 28 फरवरी। पटना स्थित गांधी संग्रहालय में राष्ट्र सेवा दल,बिहार की ओर से "आजादी आंदोलन और हम " शीर्षक  से चर्चा आयोजित हुई. राष्ट्र सेवा दल की परम्परानुसार झंडा बंदन और राष्ट्रगान से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार राष्ट्र सेवा दल के कार्याध्यक्ष श्री उदय ने की. चर्चा की शुरुआत करते हुए उदय ने कहा कि आजादी आंदोलन भारतीय इतिहास का माइल स्टोन है. यही कारण है कि कुछ संगठन आजादी आंदोलन को ही गैर जरूरी करार दे रहे हैं. लोकतंत्र, समाजवाद, सर्वधर्म सम्भाव, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और राष्ट्रवाद ये आजादी आंदोलन से उपजे मूल्य हैं जो हमारे संविधान में परिलक्षित हुए हैं. यथास्थितिवादी  इन मूल्यों को मटियामेट करने के लिये  आजादी आंदोलन और आजादी आंदोलन के नायकों  को शातिराना  तरीके से खारिज करने पर तुले हैं . जाहिर है  हम अगर आजादी आंदोलन और उसके मूल्यों के  पैरोकार  हैं तो उसकी न केवल हिफाजत करनी होगी वरन उसका संवर्धन भी करना होगा. हम मतलब व्यक्ति भी और हमारा संगठन भी. राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय संगठक शाहिद कमाल ने कहा कि आजादी आंदोलन में विशेषकर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सबसे अधिक  सक्रियता समाजवादियों ने दिखाई थी. इसलिये आज हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई है. पूंजीवाद का भयावह चेहरा सामने आ चुका है. विषमता की खाई काफी चौड़ी होती चली गई है.10 प्रतिशत लोगों के पास  देश का 57 प्रतिशत आय है. राष्ट्र सेवा दल की स्थापना बच्चों और किशोर किशोरीयों में इन मूल्यों की स्थापना के लिये हुई है. भारत में राष्ट्रवाद का उदय आजादी आंदोलन में ही हुआ. राष्ट्रवाद समावेशीकरण का उत्कर्ष है, आजादी आंदोलन में सभी तबके के लोग शामिल हुए और सर्वधर्समता राष्ट्रीवाद का सूत्र बना।

राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नितिन वैद्य ने कहा कि आजादी आंदोलन के मूल्य स्वतंत्रता समता बंधुता के मूल्य हैं। हमारा संविधान हमारे स्वतंत्रता आंदोलन की उपज है। राष्ट्र सेवा दल का भारत को एक राष्ट्र के रूप में निर्माण में महती भूमिका रही है। राष्ट्र सेवा दल पंथनिरपेक्षता, जाति मुक्ति और जेंडर समता का आंदोलन है। 
उन्होंने केंद्र के वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमें धमकाने वाला राम नहीं गांधी और लोहिया के सौम्यता वाले राम की खोज करनी है। 
कार्यक्रम में चर्चा का विषय रहा "आजादी आंदोलन के मूल्य और हम" । सम्मेलन में बिहार के भागलपुर, पश्चिम चम्पारण, समस्तीपुर, गया, पटना, पूर्णिया, बांका, मुंगेर, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, कटिहार आदि जिलों से सैकड़ों की संख्या में प्रतिनिधि हिस्सा लिये। । कार्यक्रम को  रघुपति, रुपेश जी, कारु भाई, यास्मीन बानो, इंद्र रमन उपाध्याय, डा अनील कुमार राय, ई. सार्थक भारत, रविन्द्र कुमार सिंह सहित कइयों ने संबोधित किया। लाडली, उजमा और दीपप्रिया के गीत माहौल में नई ऊर्जा भरा। महिला प्रतिनिधियों में उज़्मा , दीपप्रिया, लाडली राज, रेहाना खातुन, दिव्या कुमारी, कल्याणी कुमारी, नाज परवीन, राधा , ललिता कुमारी, नेहा कुमारी, रीता कुमारी, विभा कुमारी, अंजु कुमारी शामिल रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्र सेवा दल के राज्य कार्याध्यक्ष श्री उदय ने तथा संचालन का कार्य अभय कुमार अकेला ने किया। धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्र सेवा दल के राज्य सचिव रविंद्र कुमार सिंह ने किया।









एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ