पश्चिमी चम्पारण से भी तय किया जाएगा ओलम्पिक तक का सफर।




अमवा मन में वाटर एडवेंचर्स स्पोर्टस के तहत क्याकिंग एवं कैनोईंग के क्षेत्र में हैं असीम संभवनाए : जिलाधिकारी।


बेतिया, 03 मार्च।  बेतिया मे  डीएम कुंदन कुमार ने कहा कि पश्चिमी  चम्पारण जिले की पावन धरती ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर की धरती रही है। जहां एक ओर इसकी पवित्र धरती महात्मा गांधी की कर्मभूमि के लिए प्रसिद्ध है, वहीं दूसरी ओर यह वाल्मिकी की तपोभूमि एवं वाल्मिकी टाईगर रिजर्व के लिए विश्व मानचित्र पर अंकित है।
 पश्चिमी चम्पारण में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं हैं। राज्य सरकार की ओर से टूरिज्म के विकास में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जिले के प्रवेश द्वार अमवा मन में वाटर एडवेंचर्स स्पोर्ट्स की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार से प्राप्त निदेश के आलोक में काफी बेहतर प्रयास किए गए हैं।  अमवा मन (झील) जिले के प्रवेश द्वार पर अवस्थित एक बहुत ही खूबसूरत एवं मनोरम प्राकृतिक जलाशय है। अमवा मन की नैसर्गिक छटां अत्यंत ही निराली है। अमवा मन को शीघ्र ही पर्यटन स्थल, एडवेंचर्स वाटर स्पोर्ट्स के रूप में जाना जा रहा है। ट्रायल के तौर पर वर्तमान में अमवा मन में पैडल बोट, बनाना राइड, जेट स्की, जॉर्बिंग रोलर, पारा सेलिंग, कयाक आदि कराया जा रहा है। 

जिलाधिकारी ने कहा कि अमवा मन में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। साथ ही पर्यटन के विकास के साथ-साथ स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर कैंटिन, शुद्ध पेयजल, मॉड्यूलर शौचालय, प्रिफैब चेंजिंग रूम, पार्किंग, टिकट काउंटर, हाउस किपिंग आदि की भी व्यवस्था कराई गई है।


उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, जब एक ही छत के नीचे पर्यटन विकास के लिए टूर ऑपरेटर्स एवं क्याकिंग एवं कैनोईंग के लिए 50 से अधिक मछुआरों के साथ-साथ खेल शिक्षक एवं क्याकिंग एवं कैनोईंग के प्रशिक्षकों के साथ बैठक की गई।

आगे कहा कि यहां के लोग काफी जीवट हैं, जिनमें कुछ कर गुजरे की ताकत है। इसी का प्रतिफल है कि आज हम सभी एक जगह पर इकठ्ठा हो सके हैं। उन्होंने कहा कि यहां के मछुआरों की आजीविका मछली मारने तक ही सिमित है, जो बाढ़ के समय में लगभग बंद हो जाती है। किंतु इन मछुआरों में जन्म से ही नाव चलाने एवं तैराकी की अनूठी कला समावेशित है, जिसका सही उपयोग सही तरीके के प्रशिक्षण के अभाव में ये नहीं कर पाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस अनूठी कला का सदुपयोग करने हेतु सभी को प्रयास करना होगा ताकि ये मछुआरे राज्य स्तर के खेल गलियारे से होकर विश्वस्तरीय ओलम्पिक खेल तक का सफर पूरा कर सकें।

जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा अंतराष्ट्रीय/राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार देने हेतु बिहार राज्य खेल पुरस्कार एवं सम्मान प्रदान करने की योजना लाया गया है। इसके तहत राज्य के वैसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतराष्ट्रीय/राष्ट्रीय/अखिल भारतीय खेलों में उपलब्धि प्राप्त कर देश अथवा राज्य को गौरवान्वित किया हो, इनके द्वारा भविष्य में उच्च स्तरीय प्रदर्शन एवं उपलब्धि प्राप्त किए जाने हेतु उत्साहवर्धन के साथ ही राज्य के सभी आयु वर्ग के खिलाड़ियों द्वारा महनत कर उच्च स्तरीय प्रदर्शन किए जाने हेतु प्रेरित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है ताकि खेल जगत में राष्ट्र एवं बिहार राज्य गौरवान्वित हो सके। इसके तहत क्याकिंग एवं केनोईंग को भी सम्मिलित किया गया है। 

उन्होंने आगे बताया कि जहां साउथ एशियन गेम्स के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को क्रमशः 20 लाख, 15 लाख एवं 10 लाख के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है, वहीं ओलम्पिक गेम्स में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को क्रमशः 2 करोड़, 1.5 करोड़ एवं 1 करोड़ के पुरस्कार का प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि खिलाड़ियों को सम्मानित कराने हेतू न्यूनतम 20,000/- पुरस्कार का भी प्रावधान है, वहीं मान्यता प्राप्त अधिकारिक अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिता में मात्र देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को भी राष्ट्रीय स्तर के विजेता के बराबर पुरस्कार राशि देय होगा।

बैठक के दौरान बिहार क्याकिंग एवं कैनोईंग एसोशिएसन, पटना के सचिव श्री कुमार सिद्धार्थ अपनी टीम के साथ उपस्थित थे। इनके द्वारा बतलाया गया कि अमवा मन क्याकिंग के लिए सर्वथा उपयुक्त है। अमवा मन सीधा स्ट्रेच में होने के कारण यहां काफी उच्च स्तर का प्रशिक्षण दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों में क्याकिंग सीखने का काफी उत्साह है। 

उन्होंने कहा कि आज उनके द्वारा कुल 32 लड़कों एवं 04 लड़कों का क्याकिंग चलाने का ट्रायल लिया गया है, सभी के द्वारा प्रथम चरण में काफी उत्कृष्ठ प्रदर्शन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इन लड़कों एवं लड़कियों को बस थोड़े प्रशिक्षण की आवश्यकता है। यदि अमवा मन में क्याकिंग एवं केनोईंग वाटर स्पोर्ट्स का आयोजन होता है तो राज्य स्तर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को अच्छा अवसर मिल सकेगा। जिलाधिकारी के द्वारा पश्चिमी चम्पारण चैप्टर प्रारम्भ कराएं। हर संभव सहायता प्रदान किया जाएगा।


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