राष्ट्र निर्माण एवं हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक है, देश का इस्लामिक विश्वविद्यालय दारुल उलूम देवबंद ।

 



 पटना, 30 मई।  इस्लामिक विश्वविद्यालय दारुल उलूम देवबंद की स्थापना की 157वी वर्षगांठ पर दारुल उलूम देवबंद से जुड़े विभूतियों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि !आज 30 मई 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव सह अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर डॉ0 एजाज अहमद (अधिवक्ता) डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल , डॉ अमित कुमार लोहिया, डॉ शाहनवाज अली, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट की निदेशक एस सबा डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से कहा कि इस्लामिक विश्वविद्यालय दारुल उलूम देवबंद की स्थापना की 157 वी वर्षगांठ पर दारुल उलूम देवबंद के संस्थापक स्वर्गीय मौलाना कासिम नानोतवी एवं दारुल उलूम देवबंद से जुड़े उन महान विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने दारुल उलूम देवबंद से पूरे भारत समेत विश्व में भारत की स्वतंत्रता की राष्ट्रीय आंदोलन में जागृति पैदा करने का कार्य किया! आज ही के दिन 30 मई 1966 ई0 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता एवं समाज के कमजोर एवं उपेक्षित वर्ग के बच्चों के लिए दारुल उलूम देवबंद की आधारशिला रखी गई ताकि नई पीढ़ी के जीवन को शिक्षा से प्रकाशित किया जा सके! आज दारुल उलूम देवबंद विश्व की उन महान संस्थाओं में से एक है जो अपने ज्ञान और विज्ञान के माध्यम से पूरे विश्व में शिक्षा फैला रहा है! इस विश्वविद्यालय में एशिया अफ्रीका एवं लैटिन अमरीका समेत विश्व के अनेक देशों के छात्रों शिक्षा पाकर पूरे विश्व को लाभान्वित हो सके।

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