बेतिया मे नवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन

 





बेतिया, 21 जून।  जिला मुख्यालय पर योग भारतीय अंतरराष्ट्रीय ट्रस्ट के तत्वाधान में लाल बाजार, राज ड्योढ़ी स्थित नजर बागपार्क  में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता योग भारती के प्रबंध न्यासी, योगाचार्य मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप ने की, तथा मुख्य अतिथि नगर आयुक्त बेतिया नगर निगम , शंभू कुमार एवं जदयू के जिलाध्यक्ष मान्यवर शत्रुघ्न कुशवाहा  संयुक्त रूप से रहे। कार्यक्रम में मुख्य योगाचार्य  के रूप में, जगदेव प्रसाद सरिता गुप्ता, एडवोकेट बिरेंदर रहे, एवं अन्य तमाम सहयोगी लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया कार्यक्रम की व्यवस्था में तरुण गुप्ता नया बाजार, धर्म किशोर जी ,सौरव तथा आलमगीर अशरफ रहे

      अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे नगर निगम क्षेत्र से सैकड़ों की तादाद में योग प्रेमी तथा मीडिया कर्मी प्रातः 5:30 नजरबाग पार्क में उपस्थित हो गए ।लोगों की भावना एवं श्रद्धा इस बात से प्रकट होती है, कि, बारिश के बावजूद भी तमाम लोग स्त्री ,पुरुष कार्यक्रम में शरीक हुए एवं प्रातः 8:00 बजे तक कार्यक्रम चला।

योग दिवस के आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर संयुक्त रूप से मिजाइल इंजीनियर विजय कश्यप ,शत्रुघ्न कुशवाहा, नगर आयुक्त शंभू प्रसाद मीडिया ब्यूरो चीफ गणेशजी, कलवार विकास समिति के धर्म किशोर जी एवं आर्य समाज के प्रधान मोहन प्रसाद तथा मान्यवर ज्ञानेंद्र सरन ने संयुक्त रूप से किया।

       योगाचार्य जगदेव प्रसाद प्रधानाध्यापक योगिक क्रियाओं को कराया। जो शरीर को योग करने के लायक बनाने तथा शरीर को मजबूत एवं सशक्त बनाने हेतु काम आता है। खड़े आसनों में ताड़ासन, वृक्षासन, चंद्रासन, अर्ध कटिचक्रासन, कराया। जिससे मोटापा तथा मधुमेह जैसे रोगों में विशेष लाभ प्राप्त होता है ।बैठे आंसनो में ,हलासन ,मत्स्यासन गोमुखासन, अर्धमत्स्येंद्रासन जो शुगर के परेशानियों में अत्यंत लाभकारी है, तथा मोटापे के लिए अत्यंत गुणकारी है ।कराया।

      महिला योग शिक्षिका सरिता गुप्ता ने लेटे हुए आंसनो में भुजंगासन, मकरासन ,मर्कटासन पवनमुक्तासन तथा सभी को उनके लाभ से अवगत कराया।

     योग भारती के प्रबंध न्यासी प्रमुख योगाचार्य मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप, दुनिया के प्रथम स्वर वैज्ञानिक तथागत भगवान बुद्ध को याद करते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की तारीफ की , जिसने, की, दुनिया के 10 युग प्रवर्तक में भारत भूमि में जन्मे भगवान बुद्ध को प्रथम स्थान पर स्वर वैज्ञानिक होने के नाते और दुनिया को जीने की एक कला तथा बिना गुरु के ज्ञान साधना के द्वारा स्वर साधना के द्वारा ऐसा स्वर विज्ञान के बारे में बताते हुए अद्भुत बातों का जिक्र किया जिसमें खाना खाते , पानी पीते, सोते ,पठन-पाठन करते तथा अन्य जीवन उपयोगी कार्य को करते समय स्वर विज्ञान का कैसे सदुपयोग किया जाए उसके बारे में बताएं।

      स्वर विज्ञान का महत्व बताते हुए उन्होंने खाने और पीने के समय स्वर्ग के बारे में यह बताया   कि, बाएं  स्वर भोजन करें,।           दाएं पिवे नीर, 10 दिन भुलो।           यो करें, तो रोग आवे शरीर ।।

    तत्वों के बारे में बोलते हुए योगाचार्य विजय कश्यप जी ने कहा,

       पृथ्वी तत्व में गर्भ जो बालक होवे भूप ,धनवंता सोई जानिए सुंदर हो स्वरूप।।।

   आजकल होने वाली   सिजेरियन केशेस ,इसके बारे में तथा अग्नि तत्व के बारे में , बोलते हुए उन्होंने कहा

     अग्नि तत्व जब चलत है ,कभी गर्भ रही जाए,।          गर्भ गिरे माता दुखी,।                हो माता मरी जाए।।

       चंद्र स्वर सूर्य स्वर एवं सुषुम्ना स्वर का जिक्र करते हुए योगाचार्य विजय कश्यप जी ने स्वर की महानता एवं पूरी दिनचर्या में सुबह उठने से लेकर रात्रि सोने तक शिव स्वर पर ध्यान रखकर सारी बीमारियों से निजात पाई जा सकती है यह विशेष चिकित्सा विज्ञान के बारे में उन्होंने योग प्रमियों को बताया।

           चंद्रभेदी प्राणायाम से उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण तथा सूर्यभेदी प्राणायाम से डिप्रेशन एवं निम्न रक्तचाप जैसी बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है ,कुंभक के द्वारा शरीर की शुद्धि करण तथा मूलबंध जालंधर बंध एवं उडियान बंध के द्वारा शरीर के अंदरूनी ताकत को मजबूती प्रदान की जा सकती है।

      ध्यान की महिमा का बखान करते हुए योगाचार्य विजय कश्यप ने, ध्यानम समम न तप, ध्यानम समम न तप, ध्यान से बड़ा कोई तप नहीं, ध्यान से बड़ा कोई तप नहीं। ऐसा कहा।

     कार्यक्रम का समापन करते हुए योग भारती के प्रबंध निदेशक योगाचार्य विजेंद्र कश्यप ने संगठन ने की महिमा कलयुग में, संघ शक्ति कलियुगे, कथा सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया, ऐसा कहते हुए सारे ब्रह्मांड में शांतिहो, ,ऐसी शुभकामनाएं दी।


 प्रार्थना से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। अंत में योगाचार्य योग भारती के जिला संयोजक जगदेव प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन कर सब को साधुवाद दिया।।

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