आपातकाल के समय जनता की आवाज को दबाकर सत्ता को बनाए रखने के लिए देश में बड़े नेताओं की गिरफ्तारियां हुई थीं - रामधीरज

 



                                                            (रिपोर्ट पत्रकार - अमानुल हक)

वाराणसी /26 जून।  सर्व सेवा संघ परिसर में 'आपातकाल तब और अब 'विषय पर गोष्ठी रखी गई । इस गोष्ठी की शुरुआत करते हुए रामधीरज भाई ने 1975 में आज के दिन शुरू किए गए आपातकाल को याद करते हुए कहा कि जनता की आवाज को दबाकर सत्ता को बनाए रखने के लिए देश में बड़े नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू हो गई थीं और हम जैसे छात्र पर्चे छाप छाप कर गांव गांव गली-गली में पहुंचाया करते थे अपनी उम्र को याद करते हुए उन्होंने कहा कि तब हम जानते भी नहीं थे कि इमरजेंसी का क्या मतलब होता है गिरफ्तारी के बाद जेल में जो सबके साथ समय बिता इस को बेहतर तरीके से समझा। पूरे देश में गिरफ्तारी और भय का माहौल था।  आज की परिस्थिति अघोषित आपातकाल जैसा  है और तमाम संस्थाओं को जो जनता की आवाज को मजबूत करने के लिए बनाई गई थी उन को नष्ट किया जा रहा है। आज एक मुश्किल दौर है  सर्व सेवा संघ परिसर में गांधी विद्या संस्थान की तरफ दिखाते हुए बताया के सारे कागज सर्व सेवा संघ के पक्ष में रहने के बाद भी  प्रशासन और आर एस एस के विचारधारा के लोगों ने गांधी विद्या संस्थान पर कब्जा करके इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला की दे दिया है यह स्थिति एक संस्थान की नहीं है पूरे देश में चल रहा है जो संस्थान जनता की आवाज को मजबूत करते हैं उन सारे विचार और संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है। इसके बाद चर्चा को आगे बढ़ाते हुए गांधी निधि संस्थान से लाल बहादुर राय जी ने कहा कि गांधी विद्या संस्थान पर कब्जा करने के लिए रजिस्ट्री के रिकॉर्ड में हेरा फेरी और रिकॉर्ड मिटाने की कोशिश की जा रही है। अफलातून जी ने कहा कि इस अघोषित आपातकाल के दौर में परिसर में जिस तरह से कब्जा करने की कोशिश की जा रही है हमें उस केस को भी याद करना चाहिए जब हाईकोर्ट ने जमीन के विवाद पर सर्व सेवा संघ के कब्जा दिया था और यह भी कहा कि गांधी विद्या संस्थान पर जो कब्जा चाहते हैं इनकी मन्सा गांधी हत्या के अपने सर पर लगे कलंक को धोने का है यह गांधी को और गांधी संस्थान को साथ लेकर अपने तरीके से चलाना चाहते हैं।  जागृति राही ने कहा कि जो लोग गांधी विचार से डरने वाले लोग हैं वह इस विचार पर चलने वाले लोगों को मिटाना चाहते हैं इसलिए इनकी चाल को समझना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुरेंद्र सिंह जी ने कहा कि आपातकाल के दौरान जेल में गांधी पर अध्ययन किया गांधी को समझा। देश से गांधी मिट गए तो लोहिया अंबेडकर आदि सभी समाप्त हो जाएंगे। आज के सत्याग्रह में उपस्थित सत्याग्रही साथी डॉ राजेंद्र सिंह, अवनीश, महेंद्र राठौर, चौधरी राजेंद्र, संजीव सिंह, रवि भान सिंह, विनोद कुमार जायसवाल, सौरभ सिंह, सरोजिनी त्रिपाठी, आरके त्रिपाठी, पीके सिंह, सत्येंद्र प्प्रसाद सिंह, डॉक्टर संत प्रकाश, अहमद अंसारी, रमेश कुमार सिंह, सोती राजभर, सत्येंद्र सिंह, रूद्र प्रताप, विजय प्रकाश, पटेल अखिलेश मानव, सुरेंद्र कुमार, शिव शंकर, राजेश सिंह, प्रियंका, विमल भाई, संध्या सिंह, रचना, बिंदु कुमारी, आरती, सुयश, जागृति राही, जितेंद्र कुमार आदि शामिल रहे

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ