विश्व आदिवासी दिवस पर बेतिया मे आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने किया प्रतिरोध मार्च।

 


आदिवासी बहुल दोन के क्षेत्र में  बुनियादी नागरिक सुविधा सड़क, बिजली, पानी, दुरसंचार की व्यवस्था करने की किया मांग। 
 

बेतिया, 09 अगस्त। क्रांति दिवस व 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले बेतिया समाहरणालय गेट पर प्रदर्शन किया।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा जिलाध्यक्ष नन्दकिशोर महतो ने कहा कि आज पूरे दुनिया में आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, मोदी सरकार से विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग के साथ कहा की पश्चिमी चंपारण जिला में आदिवासी बहुल दोन के क्षेत्र में आज भी बुनियादी नागरिक सुविधा सड़क, बिजली, पानी, दुरसंचार की व्यवस्था नहीं है, इन क्षेत्रों में तत्काल नागरिक सुविधा बहाल करने तथा भिखना ठोरी में बसे गांवों का आज भी राजस्व गांव का दर्जा नहीं दिया गया है, जिसके कारण सरकारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है, उन गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया जाए तथा पक्का घर बनाने का अधिकार दिया जाए।

आदिवासी संघर्ष मोर्चा जिला सचिव शंकर उरांव ने कहा कि पश्चिमी चंपारण जिला में बाल्मिकीनगर से लेकर हरनाटाड़, रामनगर,गौनहां,मैनाटाड़ आदि अंचलों के सैकड़ों गांव जो जंगल के किनारे बसे हैं, उन नागरिकों को अपने निजी जरूरत के लिए बालू-  पत्थर का उपयोग पर जंगल संरक्षण के नाम पर रोक लगाई है जो सरासर ग़लत है, सदियों से आदिवासी जल जंगल जमीन का संरक्षण करते आते हैं, आज उन्हीं आदिवासियों को दुश्मन बना दिया है, अधिकार दिया जाए। वन संरक्षण संशोधन विधेयक 2023 वापस लिया ले। और वन अधिकार कानून 2006 लागू किया जाए।
बलिराम उरांव ने कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार करना बंद किया जाए तथा मणिपुर हिंसा के दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिया जाए। और मणिपुर में हिंसा बंद किया जाए।
इनके अलावा जितेन्द्र उरांव, राजकुमार महतो, रामाशंकर महतो, वीरेंद्र दुअवरिया ,मदन चौधरी तपु महतो, सरोज देवी आदि नेताओं ने भी सभा को सम्बोधित किया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ