बेतिया, 10 सितंबर। डायविटिज आज एक महामारी का रूप ले रही है , आज भारत मे करीब आठ करोड़ लोग इस बीमारी से ग्रसित है और इतने ही लोग और इससे ग्रसित है जिन्हे जांच नही कराने कारन पता नही है कि उनहे डायविटिज हो गया हे यानी कि औसतन हर घर मे एक आदमी इससे पीड़ित है" यह बात पटना से आये प्रसिद्धि डायविटिज विषेशज्ञ डा कुणाल कुंदन ने रोटरी क्लब बेतिया सेन्ट्रल द्वारा आयोजित डायविटिज जागरूकता कार्यक्रम मे कही । उन्होंने कहा कि लोगो के 35-40 उम्र के बाद नियमित रूप से चीनी की जांच करानी चाहिये । जिन लोगो का वजन घटने लगे, प्यास ज्यादा लगे, शरीर में खूजलाहट,या जल्दी जल्दी पेसाब आने लगे तो लोगो को सतर्क हो जाना चाहिये, उनहोंने कहा कि डायविटिज कई बिमारियों का जन्मदाता है,अगर इसे कंट्रोल नही किया गया तो हार्ट फेलयोर, किडनी की बीमारी, एव आंखो की रोशनी चले जाने की आशंका रहती है, इस बीमारी को खत्म नही किया सकता, इसे दबा के साथ साथ अपनी जीवन शैली मे बदलाव एव खान पान मे परहेज कर कंट्रोल किया जा सकता है इस अवसर पर रोटेरियन डॉ प्रदीप कुमार ने भी अपने संबोधन मे डायविटिज के कारण आंखों पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे मे बताया।
इस अवसर पर क्लब के रो मोजिबुर रहमान, डा शेखर प्रशांत, डा शीला रंजन, वर्षा रानी, पूनम दुबे, अभिषेक कुमार, अधयक्ष रो एकबाल रजा,उपाध्यक्ष सुजय कुमार, एस पी झा, एव अन्य लोगो मे मोना पोद्दार उपस्थित थे
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