पश्चिम चंपारण का डोल मेला मे हुआ कुश्ती का आयोजन।



बेतिया, 14 सितंबर। जिला स्थित चनपटिया ब्लॉक के गुरवलिया गांव में डोल मेला व कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली से मंगल पहलवान का टीम तथा उत्तर प्रदेश से बच्चन पहलवान का टीम एवं नेपाल बॉर्डर और स्थानीय पहलवानों ने अपना कुश्ती में दाव आजमाया. कुश्ती प्रतियोगिता का शुभारंभ चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष भारत भूषण दुबे ने संयुक्त रूप से फीता काट कर उद्घाटन किए. एमएलसी सौरभ कुमार व समाजसेवी आलमगीर आलम ने पहलवानों को हाथ मिलाकर कुश्ती शुरू कराए. वही पहलवानों ने बारी बारी से आंखड़े में आ कर बेहतर प्रदर्शन दिखाएं। कई पहलवानों के बीच कांटे की टक्कर में बराबरी पर रही और पहलवानों ने एक दूसरे को पछाड़े व अपना इनाम पाए. दर्शकों से पूरा मेला ग्राउंड भरा हुआ था बीच-बीच में  पहलवानों को लोगों ने तालियां से अभिवादन करते रहें। विजय घोषित पहलवानों को कुश्ती समिति के द्वारा पुरस्कृत किया गया. इस डोल मेला व कुश्ती का आयोजनकर्ता इंजीनियर सद्दाम ने कहा कि यह डोल मेला व कुश्ती प्रत्येक साल कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर किया जाता है और आगे भी किया जाता रहेगा. वहीं समाजसेवी व चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक प्रत्याशी समीक्षा शर्मा ने बाहर रहते हुए भी उन्होंने बताया कि कुश्ती प्रतियोगिता भारत में प्राचीन काल से चली आ रही है. कुश्ती लड़ने के लिए चुस्ती फुर्ती वह सही तकनीक के साथ शारीरिक शक्ति का मेल होना भी जरूरी होता है. आज ओलंपिक के साथ कई प्रतियोगिताओं में सफलता की कहानी लिखने के साथ कुश्ती में भारतीय पहलवानों ने अपना दमखम दिखा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाई है. अब भारत की कुश्ती का इतिहास पहले से कहीं ज्यादा सुनहरा है। कुश्ती में कई युवा पहलवान लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे हैं. यह हमारे लिए खुशी की बात है कि हमारे विधानसभा क्षेत्र में इतने बड़े-बड़े कुश्ती का आयोजन हो रहा है. यहां से पहलवान विदेश में जाकर देश के साथ अपने क्षेत्र के भी नाम रोशन करें. आगे उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह कुश्ती भव्य तरीके से किया जायेगा. इस अखाड़े से जो भी पहलवान अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो उनको आगे बढ़ाने में हम सहयोग करेंगे. इसके लिए कमेटी के सदस्यों ने उनका आभार व्यक्त किया. इस कुश्ती प्रतियोगिता में दिल्ली से दस पहलवान, उत्तर प्रदेश से पच्चीस पहलवान व नेपाल बॉर्डर से सात पहलवान तथा स्थानीय पहलवानों ने अपना दाव दिखाए. इस कुश्ती का रेफरिंग मोहम्मद इमामुद्दीन अंसारी ने किया तथा मंच संचालन लालबाबू प्रसाद कुशवाहा व स्वागतकर्ता मोहम्मद जलील अंसारी तथा स्थानीय ग्राम वासी रहे।

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