बिहार सरकार का जाति जनगणना आंकड़े मेहतर समाज के विरुद्ध षडयंत्र।

 



पटना। बिहार सरकार द्वारा वर्तमान जातीय जनगणना आंकड़े सरकार फर्जी रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया है बिहार में सरकार के द्वारा कुछ जातियों को खुश करने के लिए जनसंख्या ज्यादा दर्शाया गया वहीं कुछ अन्य जातियों का जनसंख्या कम दर्शाया गया है अखिल भारतीय मेहतर समाज संगठन के  बिहार प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रितम कुमार ने कहा जनगणना आंकड़े  मेहतर समाज के विरोध में एक साज़िश के तहत है इसे मेहतर समाज के लोगों में काफी आक्रोश वर्तमान बिहार सरकार मेहतर समाज को अपना विरोधी है समझती है मेहतर समाज का संख्या पुरी तरह से फर्जी बताई है बिहार सरकार मेहतर समाज के विरुद्ध षडयंत्र किया है।  वहीं संगठन के राष्ट्रीय महासचिव श्री मुन्ना कुमार राउत ने कहा कि बिहार सरकार का जातिगत जनगणना राजनैतिक समीकरण से जुड़े हुए है बिहार सरकार ने जिस तरह से आंगन फागन में जातिगत जनगणना आंकड़े जो लाइ है वो सिर्फ और सिर्फ  वोट बैंक वाली आंकड़े है इस आंकड़ों में समाजिक न्याय कोशो दूर है इसे साफ पाता चलता है कि वर्तमान सरकार कि मानसिकता सिर्फ लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाताओं पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने का षडयंत्र गहरी साजिश के तहत लाया है। नीतीश सरकार ने मेहतर समाज की जो संख्या 0.1955% बताया है वो पुरे तरह से ग़लत है बिहार में 38 जिलों में मेहतर जाति पाया जाता है मेहतर वाल्मीकि हारी लालबेगी हलखोड़ हेला जो कि मेहतर जाति के उपजातियां है जो ऐसे में सरकार ने दो कोलम बना कर हमारी संख्या को कम से कम बताया गया है बिहार में कुछ जिला है जहां मेहतर जाति एवं उनके उपजातियां बहुत ही अधिक है जैसे पटना दरभंगा मुजफरपुर भागलपुर समस्तीपुर सीतामढ़ी गया औरंगाबाद इतियादी जगहों में कि संख्या अधिक है इस जाति जनगणना आंकड़े से बिहार के समस्त मेहतर जाति में सरकार के खिलाफ बहुत ही आक्रोश है बहुत जल्द हि सरकार के खिलाफ मेहतर जाति के लोग सड़कों उतरेगी।

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