Bharatiya All Media Patrakar Sangh: प्रेस की स्वाधीनता, लोकतंत्र की मजबूती एवं मीडिया कर्मीयों की भुमिका पर राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर कार्यक्रम।

 


नई दिल्ली, 16 नवम्बर।  राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर पत्रकार संघ के कार्यालय बेतिया मे भारतीय ऑल  मीडिया पत्रकार संघ द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकार संघ के कार्यालय बेतिया मे एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों एवं पत्रकार व पत्रकारिता के छात्रों ने भाग लिया। 

    इस अवसर पर भारतीय ऑल मीडिया पत्रकार संघ के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रेस कलब, बेतिया के प्रसिडेंट डॉ अमानुल हक़ ने संबोधित करने से पहले  पत्रकारों और मीडियाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने रिपोर्टिंग और कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी है। दुनिया भर में 2023 में लगभग 56 से अधिक पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों ने अपने कर्तव्य एवं रिपोर्टिंग के दौरान शहीद हुए है जिसमें से 40 से अधिक पत्रकार एवं मीडिया कर्मी फिलिस्तीन इजराइल युद्ध में मारे गए हैं। दर्जनों पत्रकार घायल एवं लापता है। 

    वरिष्ठ पत्रकार अमानुल हक ने अपने संबोधन मे आगे कहा कि  पुनः अपील करते हैं कि पत्रकारों, मीडिया कर्मियों,  के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर एक सेमिनार का भी आयोजन किया गया इसका विषय था" प्रेस की स्वाधीनता लोकतंत्र की मजबूती एवं नई पीढ़ी के पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों की भूमिका"इस अवसर पर, 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, भारत के पहले भारतीय समाचार पत्र के संपादक सह स्वतंत्रता सेनानी मौलवी मोहम्मद बशीर और अन्य को अंग्रेजों ने निष्पक्ष एवं स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए फांसी दी गई थी। राष्ट्रीय प्रेस दिवस उन राष्ट्रीय अवसर में से एक है  जब हम सब मिलकर लोकतंत्र की मजबूती प्रेस की स्वाधीनता पर खुलकर बात करते हैं.  यह दिन एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस की उपस्थिति का प्रतीक है।  16 नवंबर, 1966 को भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुरुआत पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य के लिए खुद को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करती है।  इस अवसर पर पत्रकार शाहीन सबा, नवेन्दु, उमेश अग्रवाल, ठाकुर राणा, जितेंद्र कुमार सहित दर्जनों पत्रकारों ने संबोधित में कहा कि 


 कहा कि 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रेस काउंसिल की स्थापना हुई, जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना औपचारिक कार्य प्रारंभ किया। तभी से 16 नवंबर को 'राष्ट्रीय प्रेस दिवस' के रूप में मनाया जाता है।  आज दुनिया के लगभग 50 देशों में प्रेस काउंसिल या मीडिया काउंसिल है।  भारत में प्रेस को 'वॉचडॉग' और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को 'नैतिक वॉचडॉग' कहा गया है।  राष्ट्रीय प्रेस दिवस हमारा ध्यान प्रेस की स्वतंत्रता और जिम्मेदारियों की ओर आकर्षित करता है।

  प्रथम प्रेस आयोग ने प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करने और पत्रकारिता में उच्च आदर्श स्थापित करने के उद्देश्य से भारत में एक प्रेस परिषद की कल्पना की।

  वर्तमान समय में पत्रकारिता का क्षेत्र व्यापक हो गया है।  पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक, शिक्षाप्रद एवं मनोरंजक संदेश पहुँचाने की कला एवं पद्धति है।  इस मौके पर वक्ताओं ने नई पीढ़ी के पत्रकारों और मीडिया कर्मियों का आह्वान करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को पत्रकारिता की आजादी और लोकतंत्र की मजबूती के लिए आगे आना चाहिए जो बहुत जरूरी है।

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