बेतिया, 01 जनवरी। बेतिया महाराज स्टेडियम के अंतर्गत जहां चारों ओर लोग सपाटे मौज मस्ती एवं नववर्ष का आनंद लेने दूर दराज के क्षेत्र एवं पहाड़ी जंगली इलाकों में व्यस्त हैं, वही देश के मूल निवासी एवं देशभक्त समाज के द्वारा एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, वही पर 1 जनवरी 1818 की याद में पराक्रम रैली का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के कोने-कोने से तथा आसपास के गांव से एवं शहर से परंपरागत अस्त्र-शस्त्रों के साथ अपने बहुजन महानायकों एवं पराक्रमी पूर्वजों की याद में समाज ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन किया हम सबको याद है पेशवाओं की मानसिकता एवं उनकी अत्याचार एवं अनाचार से देश का बहुजन एवं मूल निवासी बेहाल था।,
हमारे पूर्वज एवं नायक सिद्धनाथ के अगुवाई में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज के टुकड़े-टुकड़े करने वालों को मात्र 500 बहुजन सेनानियों ने 28000 पेशवाओं की सैन्य बल को गाजर मूली की तरह काटकर धराशाई किया एवं विदेशी मानसिकता के ऊपर पहली बार पराक्रमी देशभक्ति की जय जयकार हुई यादगार में पुणे के पास भीमा नदी के किनारे कोरेगांव में एक विजय स्तंभ का निर्माण किया गया है जो हमारे पूर्वजों के पराक्रम को याद दिलाता है आज भी शास्त्रों की रक्षा के लिए शास्त्र आवश्यक है इसलिए शस्त्र धारण एवं सत्र संचालन तथा शास्त्र को साथ रखने की शिक्षा आज ही हमारा 1 जनवरी पराक्रम दिवस हमें प्रदान करता है
उपरोक्त उद्बोधन आज के कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप जी ने अपने बहुजन समाज को एवं सारे देशभक्तों को 2024 में सजग संगठित तथा सबल रहते हुए लोकतंत्र एवं संविधान की रक्षा हेतु व्यक्त किया।
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