बेतिया, 25 जुलाई। हमें सारे अधिकार चाहिए। जिसे जन आंदोलन से ही वापस लिया जा सकता है ।हमें अपने कुंठा से बाहर निकलना होगा ।हमें भीख नहीं अधिकार चाहिए ।उक्त बातें समाजसेवी सह प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर शंभू राम ने स्थानीय ईलम राम चौक सि्थत पंचशील बौद्ध विहार में आरक्षण दिवस के अवसर पर कहीं ।श्री राम ने आगे कहा कि जब सब आप ही का है तो फिर आरक्षण मांगने की क्या जरूरत है ।वही पूर्व मिसाइल इंजीनियर विजय कश्यप ने कहा कि हमें अपने इतिहास को भूलना नहीं चाहिए। छत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने रियासत में पहली बार 50% आरक्षण की व्यवस्था की थी जो अनुकरणीय है ।डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि पिछड़ी जातियों के लिए एक आयोग का गठन किया जाए ।उन्होंने संविधान में हमें बहुत सारे अधिकारों को दिया है ।उसके अलावा महिलाओं के लिए भी डॉक्टर अंबेडकर ने काफी अधिकार संविधान में दिया है। डॉक्टर अंबेडकर का पूरा देश और समाज ऋणी रहेगा ।वहीं शिक्षक ललन यादव ने कहा कि 15% के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई और 27% आज तक बीच में डोल रहे हैं। जबकि राकेश फूले ने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर ने 28 डिग्री विदेशों से हासिल की थी जिनका कोई जोड़ नहीं है ।जबकि प्रोफ़ेसर आरएन यादव ने कहा हमें अपने इतिहास को भूलना नहीं होगा और अपने महापुरुषों को याद कर आने वाली पीढ़ी को संभालना होगा ।वही मंच संचालन कर रहे सुरेश गुप्ता कहा कि आरक्षण एक सामाजिक अवधारणा है ना कि आर्थिक है। संविधान की व्यवस्था का उल्लंघन किया जा रहा है ।लल्लन यादव ने कहा कि नीट में शैक्षणिक आरक्षण रखने तथा न्यायपालिका में योग्यता परीक्षा के आधार पर न्यायाधीशों की नियुक्ति हो जिस में ओबीसी की संख्या के अनुसार अनुच्छेद 340, 341, 342 का पालन करते हुए प्रतिनिधित्व देने की बात कही ।श्री कश्यप ने कहा कि आरक्षण की जननी के रूप में लॉ ऑफ़ रिप्रजेंटेशन के रूप में व्याख्या की। ओबीसी की भागीदारी न्यायपालिका ,कार्यपालिका एवं विधायिका में संख्या के अनुपात में तथा देश के संसाधनों में ओबीसी को 60% की हिस्सेदारी मिलनी चाहिए ।समाजसेवी सह रिटायर्ड डीएसपी रामदास बैठा ने कहा कि हिंदू धर्म को सुधारा नहीं जा सकता है । भगवान बुद्ध के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। मौके पर नंदलाल प्रसाद, विनय कुमार, संजय राव ,पार्षद अरुण कुमार ,आशा बौद्ध ,उषा बैठा ,बेचू दास ,राधे कृष्ण सहित कई वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता रिटायर्ड डीएसपी रामदास बैठा ने किया तथा मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रोफेसर आर.एन. यादव रहे। कार्यक्रम के संयोजक के रूप में ओबीसी- दलित एकता मंच रहा तथा व्यवस्थापक के रूप में पंचशील बौद्ध बिहार तथा प्रबुद्ध भारत रहा।
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