प्रवासी मजदूरों के लिए देश के सभी जिलों में श्रम कल्याण विभाग कार्यालय स्थापित करें- विधायक

 


बेतिया, 24 अक्टूबर। पीएम और मुख्यमंत्री बिहार सरकार के नाम पत्र में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य सह सिकटा विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा है कि आज बिहार में रोजगार के अभाव में करोड़ों मजदूर देश के कोने - कोने में रोजी रोजगार के लिए जा रहे हैं, लेकिन अपने यहां से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों के जीवन में रोज ब रोज कई तरह की समस्याएं आती रहती है, मजदूरों की मजदूरी मारी जाने, अमानवीय स्थिति में काम करने, बिहारी के नाम पर तरह-तरह की प्रताड़ना व उत्पीड़न झेलने, बीमार पड़ने या दुर्घटना के बाद  असहाय स्थिति में चले जाने जैसी अनेकों समस्याएं उनके सामने है! 

हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारों की आपदा प्रबंधन के मामले में मजदूरों के प्रति असंवेदनशील रवैया के चलते कोरोना काल में मजदूरों की भूख से मौत से लेकर पैदल घर वापसी में सड़क - रेल दुर्घटनाओं में मौत की घटनाएं सामने है, अभी काश्मीर मे बिहारी मजदूरों की हत्या, फिर वहां से पलायन, तथा उत्तराखंड के नैनीताल भूस्खलन में मृतक मजदूरों के शवों को निकलवाने में उत्तराखंड सरकार तभी तेज हो पाई जब पश्चिमी चंपारण के जिला अधिकारी समेत कई पदाधिकारी विशेष रूप से लग सके, जबकि उत्तराखंड का भूस्खलन  राज्य व्यापी और कई जगह वाला नहीं था तब भी मलवे से शवों को निकालने में 6 दिन लग गया, इसी तरह मजदूरी  डूबने से लेकर हर मामले में प्रवासी मजदूरों के मामले से वहां कि राज्य सरकारें और  प्रशासनिक ढांचा कोई मदद नहीं कर पाता है

माले विधायक ने राज्य व केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि आज देश में प्रवासी मजदूरों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाना चाहिए और प्रशासनिक तौर पर बिहार सरकार देश के सभी जिलों में बिहार प्रवासी मजदूर कल्याण कार्यालय स्थापित करने तथा बिहार सरकार कमसेकम 5 लाख मुआवजा राशि की पहल करें। 


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