एपीएचसी सरिसवा में टीबी केयर और सपोर्ट ग्रुप की हुई बैठक , टीबी मरीजों को इससे उबरने के बताए गए तौर-तरीके


  

 



बेतिया, 25 फरवरी। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिसवा में शुक्रवार को टीबी विभाग के केयर और सपोर्ट ग्रुप की बैठक हुई। बैठक का आयोजन केएचपीटी के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.सुमित कुमार ने की। इसमें 8 मरीज,5 देखभाल करने वाले और 1टीबी चैंपियन ने भाग लिया। इसमें टीबी रोगियों और देखभाल करने वालों की परेशानियों को दूर किया गया। उन्हें कैसे इस बीमारी से उबरना है, इसके बारे में बताया गया। समाज में टीबी रोगियों के प्रति जो भ्रांतियां हैं, उससे कैसे निपटा जाए इसके बारे में बताया गया।बैठक में टीबी के नए मरीजों को दवा का नियमित रूप से सेवन को याद रखने के लिए टीबी कैलेंडर दिया गया। टीबी  इस दौरान डॉ.सुमित कुमार  ने बताया कि किसी व्यक्ति को लगातार दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक खांसी, बलगम के साथ खून का आना, शाम को बुखार आना या वजन कम होना की शिकायत हो तो उसे तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में ले जाकर जांच कराने की सलाह दें। ये टीबी के लक्षण हैं। साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि सरकारी अस्पताल में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह मुफ्त है।मौके पर उपस्थित वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक प्रभुनाथ राम  ने बताया कि  पौष्टिक भोजन करने के लिए टीबी मरीज को पांच सौ रुपये महीने छह महीने तक मिलता भी है। इसलिए अगर कोई आर्थिक तौर पर कमजोर भी है और उसमें टीबी के लक्षण दिखे तो उसे घबराना नहीं चाहिए और नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए।  लैब तकनीशियन धीरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार गंभीर है इसीलिए  टीबी की जांच से लेकर इलाज तक की  सुविधा मुफ्त है।केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम ने बताया कि सामुदायिक जागरूकता से ही टीबी को पूरी तरह खत्म कर सकते है।टीबी चैंपियन पूनम कुमारी ने अपने अनुभवों को  साझा किया।बैठक में टीबी मरीजों को किसी भी तरह की कठिनाई होने पर फोन ए फ्रेंड(हेल्पलाइन टॉल फ्री नंबर)का नंबर दिया गया। मौके पर फार्मासिस्ट मो.जिकरुल्लाह, केएचपीटी के सीसी अनिल कुमार,सहित दर्जनों टीबी मरीज और उनके परिजन उपस्थित रहे।

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