लोक परम्पराओं को पुनः जागृत करता दिव्यालय परिवार

 



 बेतिया, 14 मार्च।  बिहार राज्य मे स्थित दिव्यालय परिवार के साहित्यिक गतिविधियों के साथ लोक परम्पराओं को भी सहेजने का एक सशक्त प्रयत्न कर रही बिहार के सुप्रसिद्ध कवि विमल राजस्थानी जी की पौत्री के द्वारा  विगत दिवस रंगारंग  कवि सम्मेलन  का आयोजन जूमके माध्यमसे हुआ । 

*जोगिरा सा रा रा रा* यह कार्यक्रम  दिव्यालय की संस्थापिका व्यंजना आनन्द , मुख्य अतिथि राजकुमार महोबिया जी,  एवम महेश जैन जी के अध्यक्षता में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। 

कार्यक्रम का शुभारंभ संचालिका मंजिरी निधि द्वारा अतिथियों ,

प्रतिभागी  कवियों एवम प्रबुद्ध दर्शक गणों  के स्वागत किया।महेश जैन जी ने दीप प्रज्ज्वलन किया । मेधा जोशी जी ने बंगलुरू से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

भारत के विभिन्न प्रदेशों के विभिन्न भाषा भाषी विज्ञ कविजनों ने अपनी 2 लयात्मक उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। 

 मुख्य अतिथि राजकुमार महोबिया ने अपने उदबोधन में सार्थक आयोजन की बधाई देते हुए ऐसे कार्यक्रमों को परम्पराओं को आगे बढ़ने वाला निरूपित किया।  आगे आपने कहा ,समय की धूल में विलुप्त हो रही अपनी गांव गहाल की भीनी सोंधी खुशबू को  ऐसे आयोजन पुनर्जीवित कर देते हैं। 

ss भारत नेटवर्क के अशोकजी ने भी इस अनूठे आयोजन को सराहनीय बताया। 

संस्थापिका व्यंजना आनन्द 'मिथ्या' जी ने काव्य पाठ के पूर्व होली का मतलब बताते हुए उन्होंने कहा - होली का मतलब होना से है, अब हमारे हाथ में होता है कि हम किसके होए क्या सतो गुणी रंग से रंगे या तमो गुणी रंग से । तमो गुण रंग हमें माया और प्रकृति से जोड़ता है सतो गुणी रंग पुरुष याने शिव से । होली में हमें शिव रंग का होकर ही होना होगा तभी शायद यह आने वाला प्रलय (विश्व युद्ध) थम पाएं  तथा फगुआ छंद पर भी प्रकाश डाला तत्पश्चात

 कार्यक्रम में पटल  अध्यक्ष राजकुमार छाबड़िया जी, उपाध्यक्ष मंजिरी निधि जी, सचिव नरेंद्र वैष्णव सक्ति जी , ss भारत नेटवर्क के अशोकजी ,  मीडिया एवम अलंकरण प्रभारी राजश्री शर्मा ,दैनिक अलंकरण प्रमुख अनिता शुक्ला , अनुराधा पारे,पुष्पा निर्मल , सुनीता परसाई,रश्मि मोयदे,भारती जैन दिव्यांशी, पूनम शुक्ला,   डॉ गीता पांडे , निशा अतुल्य, अमरनाथ सोनी, प्रेम शर्मा, पद्माक्षि शुक्ला स्नेहलता आदि बड़ी संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।

 दिव्यालय पटल के अध्यक्ष राजकुमार छापड़िया जी ने  अपने अध्यक्षीय उदबोधन में ऐसे आयोजनों की आवश्यकता और निरंतरता पर ज़ोर दिया। 

अंत में सचिव नरेंद्र वैष्णव जी ने

सभी अतिथियों , कवि कवियित्रियों , दर्शकों एवम पटल ,गुरुजनों प्रभारियों, समीक्षकों एवम कार्यक्रम संचालिका मंजिरी निधि जी के उत्कृष्ट मंच संचालन हेतु  हृदय से आभार प्रकट किया। 

विशेष आभार एस एस  भारत मीडिया नेटवर्क के प्रमुख अशोक जी को देते हुए उनके सहयोग का  एवम यू टयूब पर लाइव प्रसारण हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।

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