शिवहर, 4 अप्रैल। कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के उद्देश्य को सार्थक रूप देने के लिए जिले में पोषण पखवाड़ा (21 मार्च - 04 अप्रैल) का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर कुपोषण को मिटाने के लिए आवश्यक पहल की गई। रविवार को जिले के पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों के बीच शिविर का आयोजन किया गया। जहां बच्चों का वजन एवं माताओं को परामर्श सेवा प्रदान की गयी। इस अवसर पर डायटिशियन सह एफडी चित्रा मिश्रा ने उदाहरण सहित आवश्यक पोषक तत्वों के बारे में बताया। डायटिशियन ने बताया कि कैसे घर मे रहकर माँ अपने बच्चे को उचित आहार दे सकती हैं। इतना ही नहीं बहुत सारे खाद्य पदार्थों को दर्शाकर भी बताया और दिखाया कि कैसे अलग-अलग खाद्य समूह जैसे अनाज एवं दाल, फल, हरी साग-सब्जी, अंडा, मीट, मछली, दूध, तेल, सुगर इत्यादि स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।
माँ का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान-
डायटिशियन चित्रा मिश्रा ने बताया कि इन सबके साथ कुछ बातों को ध्यान मे रखना बहुत ही जरूरी है। जैसे कि बच्चे को बाहरी खान-पान से दूर रखें। जितना ज्यादा हो घर का बना खाना खाएं। उन्होंने बताया कि माँ का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है और हर माँ को अपने बच्चे को अपना दूध जरूर पिलाना चाहिए। पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम के दौरान सिविल सर्जन डॉ शैलेंद्र कुमार झा, डीएस, एनआरसी प्रभारी मनीषा हांसदा, स्टाफ नर्स सुनीता, माधुरी सिन्हा, प्रीतिमाला, सीबीसीई शिवम सिन्हा आदि उपस्थित रहे।
घर-घर पहुंचाया गया पोषण का संदेश-
पोषण पखवाड़ा के दौरान आईसीडीएस के पदाधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा गांव से लेकर जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर घर-घर पोषण का संदेश पहुँचाया गया। इस दौरान सही पोषण, देश रोशन अभियान को बढ़ावा देने के लिए लोगों को सही पोषण एवं मानव जीवन के लिए पोषण की महत्ता की जानकारी दी गई। पोषण पखवाड़ा के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया गया। उल्लेखनीय है कि बीते 21 मार्च से शुरू पोषण पखवाड़ा चार अप्रैल तक चला।
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