बिहार के पटना में आयोजित सिनेलर्नर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल CIFF 2022 सम्पन्न




  पटना। बिहार की राजधानी पटना के सैयदपुर में किलकारी बिहार बाल भवन में पिछले दिनों एक अनोखे फ़िल्म महोत्सव सिनेलर्नर इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल (CIFF 2022) का आयोजन किया गया। बिहार फ़िल्म विकास निगम के सहयोग से इस अनोखे दो दिवसीय फ़िल्म महोत्सव के डिस्कशन पैनल का हिस्सा बॉलीवुड के चर्चित अभिनेता
 राजन कुमार, गेस्ट संजना कपूर, समीक्षक विनोद अनुपम थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में रमेश कुमार (समाज सेवक और गवर्नमेंट कांट्रेक्टर), सासाराम से आए जितेंद्र सिंह भी समारोह में शामिल थे। 
अपनी मनमोहक प्रस्तुति के माध्यम से अभिनेता राजन कुमार दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे।
अभिनेता राजन कुमार न सिर्फ सिने अभिनेता और निर्माता हैं बल्कि वह सिनेमा प्रेमी भी हैं। सिनेमा का जादू उनके सर चढ़कर बोलता है। यही वजह है कि उन्हें जब भी अवसर मिलता है, वह सिनेमा को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ते, चाहे मुंगेर फ़िल्म फेस्टिवल की सफलता में उनके विशेष योगदान की बात हो या बिहार से लेकर मुम्बई तक फ़िल्म से सम्बंधित कोई भी कार्यक्रम हो, वह अपनी उपस्थिति और अपनी प्रस्तुति से लोगों के दिल मे जगह बना लेते हैं। लगातार दो दिनों तक राजन कुमार को इस फ़िल्म फेस्टिवल में डिस्कशन पैनल का हिस्सा बनाया गया। भारतीय सिनेमा में बिहार के योगदान एवं 'बिहार का सिनेमा' के विषय पर हुई परिचर्चा में राजन कुमार ने भाग लिया। इस परिचर्चा में राजन कुमार ने जिस तरह सिनेमा के बारे में गहराई और विस्तार से बात की, वह सबका ध्यान खींचने वाली थी। उसकी वजह यह है कि राजन कुमार का सिनेमा से गहरा नाता रहा है, वह नेशनल इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल्स, इवेंट्स में हिस्सा लेते रहे हैं। सिनेमा की गहरी समझ रखने वाले राजन कुमार का मामी फेस्टिवल से लेकर मुंगेर फ़िल्म फेस्टिवल तक दायरा काफी विस्तृत है। उनकी ट्रेनिंग बहुत अच्छी रही है। उन्होंने अब तक 8-10 शार्ट फिल्म्स, 3 फीचर फिल्मों को प्रोड्यूस किया है। किशोर नमित कपूर से उन्होंने अभिनय का प्रशिक्षण लिया है। फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में भी उनके पास लंबा अनुभव रहा है। एफटीआईआई पुणे, एनएसडी दिल्ली में उनका आना जाना लगा रहता है। उनके कई सारे फ्रेंड्स साउथ फ़िल्म इंडस्ट्री के हैं और वहां की इंडस्ट्री से भी उनका नाता रहा है। आपको बता दें कि यह सीआईएफएफ का पहला आयोजन था जिसमे 45 फिल्में दिखाई गईं। 'किलकारी' संस्था का इस प्रोग्राम के आयोजन में बड़ा योगदान रहा।
                                               (प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय)


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